________________ होइ य झाणोवरमे निच्चमणिच्चाइभावणाणुगओ / ताओ य सुविहियाणं पवयणविहिणा पसिद्धाओ // 816 // भावेइ भावियप्पा विसेसओ नवर तम्मि समयम्मि / पयईइ निग्गुणत्तं संसारमहासमुदस्स // 817 // जम्म-जरा-मरणजलो अणाइमं वसणसावयाइण्णो / जीवाण दुक्खहेऊ कटुं रोद्दो भवसमुद्दो // 818 // धण्णो हं जेण मए अणोरपारम्मि भवसमुद्दम्मि / भवसयसहस्सदुलहं लद्धं सद्धम्मजाणमिणं // 819 // एयस्स पभावेणं पालिज्जंतस्स सइ पयत्तेणं / जम्मंतरे वि जीवा पाविति न दुक्ख-दोहग्गं // 820 // चिंतामणी अउव्वो एयमउव्वो य कप्परुक्खो त्ति / एयं परमो मंतो एयं परमामयं एत्थ . / / 821 // ताण नमो ताण नमो भावेण पुणो पुणो वि ताण नमो / अणुवकयपरहियरया जे एवं दिति भव्वाणं . // 822 // एयं समइक्कंतो धम्मज्झाणं जया हवइ खवओ। सुक्कज्झाणं झायइ तओ वि सुविसुद्धलेसाओ // 823 // बिति पुहत्तवियक्कं सवियारं सूरिणो पढमसुक्कं / अवियक्कोकंतं पुण अवियारं बीयसुक्कं च . // 824 // सुहुमकिरियं तु तइयं सुक्कज्झाणं जिणेहिं पण्णत्तं / बितिं चउत्थं सुकं जिणा समुच्छिन्नकिरियं तु // 825 // दव्वाइं अणेगाइं झायइ जोगेहिं जं पुहत्तेणं / चोद्दसपुविसुयं खलु होइ वियक्को त्ति सवियक्कं // 826 // अत्थाण वंजणाण य जोगाणं संकमो उ वीयारो / तब्भावेण तयं खलु सुत्ते वुत्तं सवीयारं // 827 // 147