________________ इय पण्णविज्जमाणो तो पुव्वं जायसंकिलेसो वि / विणियत्तो तं दुक्खं पस्सइ परदेहदुक्खं व . // 792 // इय माणधणस्स महिड्डियस्स उस्सग्गियं हवे कवयं / अववाइयं पि कवयं आगाढे होइ कायव्वं / // 793 // एवं अहियासितो सम्म खवओ परीसहे एए / सव्वत्थ अपडिबद्धो उवेइ सव्वत्थ समभावं // 794 // संजोय-विप्पओगेसु चयइ इढेसु वा अणिढेसु / इ-अरइ-उस्सुगत्तं हरिसं दीणत्तणं च तहा // 795 // मितेसु धणाईसु व सिस्से साहम्मिए कुले वा वि / रागं वा दोसं वा पुव्वं जायं पि सो चयइ // 796 // भोएसु देव-माणुस्सएसु न करेइ पत्थणं खवओ। मग्गो विराहणाए भणिओ विसयाहिलासो त्ति // 797 // इडेसु अणिढेसु य सद्द-फ(?प्फ)रिस-रस-रूव-गंधेसु / इह-परलोए जीविय मरणे माणाऽवमाणे य. . // 798 // सव्वत्थ निव्विसेसो होइ तओ राम-दोसरहियप्पा / खमगस्स राग-दोसा हु उत्तिमटुं विराहंति // 799 // एवं सव्वत्थेसु वि समभावं उवगओ विसुद्धप्पा / मित्ति करुणं मुइयं उवेइ समयं उवेहं च. // 800 // जीवेसु मित्तचिंता मित्ती, करुणा किलिस्समाणेसु / मुइंया गुणाहिएसुं, सुह-दुक्खऽहियासणमुवेहा // 801 // दंसण नाण चरित्तं तवं च विरियं समाहिजोगं च / तिविहेणुवसंपज्जिय सव्वुवरिल्लं कम कुणइ // 802 // जियराओ जियदोसो जिइंदिओ जियभओ जियकसाओ। रइ-अरइ-मोहमहणो झाणोवगओ सया होइ // 803 // 145