________________ सहसा परियाणियचवणचिंध धीरो सुरो विचितेइ / विरहाउलतरलच्छो तममरलच्छिं नियच्छिंतो . // 768 // वसिउं निच्चुज्जोए सुरलोए सुरहिपरिमलऽग्घविए / वसियव्वं गब्भघरे दुग्गंधमहंधयारम्मि // 769 // वसियव्वं पूइपुरीस-रुहिर-रसमसुइनिब्भरे गब्भे / संकुडियंगोवंगो नीहं कह कडिकुडिच्छाओ? // 770 // कयनयणामयवुढेि दर्दू सुरसुंदरीण मुहयंदं / हा ! दच्छं नारीणं मय-नियडिथुडुकियं वयणं // 771 // रमिउं सुररमणीओ सोमालसुयंधबंधुरंगीओ। नारी पगलंतासुइघडीसरिच्छं कह रमिस्सं? // 772 // दुग्गंधमणुयतणुपरिमलाओ दूरं पुरा पलायंतो। तं नरदेहं पूई पत्तो कत्तो पलाइस्सं ? . // 773 // न कयं दीणुद्धरणं, न कयं धम्मियजणम्मि वच्छल्लं / हिययम्मि वीयराओ न धारिओ, हारिओ जम्मो // 774 // न कया य मए महिमा जिणकल्लाणेसु सुकयकल्लाणी / न य मंदर-नंदीसरमाईसु न सिद्धकूडेसु // 775 // विसयविसमुच्छिएणं मोहतमंधण वीयरागाणं / वयणामयं न पीयं सुहबीयं हा ! मुहा णीयं // 776 // वलइ व जलइ व चलइ व हिययं पीलिज्जई व भिज्जइ व / चिंतियं सुरविहवसिरि घट्ठइ व तड त्ति फुट्टइ व // 777 // भवणं भवणाओ, बणं वणाओ, सयणाओ सयणमल्लियइ / तत्तसिलायलघोलिरमच्छो व्व रई न पावेइ // 778 // तं भमियं तं रमियं तं हसियं तं पियाहिं सह वसियं / . हा ! कत्थ पुणो दच्छं ? इति पलवं झत्ति विज्झाणो // 779 // 143