________________ पडिमागयस्स सीसे दिएण पज्जालियम्मि जलणम्मि / भयवं गयसुकुमालो पडिवण्णो उत्तिमं अटुं / // 744 // कच्छु-जर-सास-सोसा-भत्तच्छंद-ऽच्छि-कुच्छिवियणाओ। भयवं सणंकुमारो अहियासइ सत्तवाससए // 745 // नावाइ निबुड्डाए गंगामज्झे अमुज्झमाणमणो / आराहणं पवण्णो अंतगडो अनियाउत्तो // 746 // चंपाइ मासखमणं करित्तु गंगायडम्मि तण्हाए / घोराइ धम्मघोसो पडिवण्णो उत्तिमं अटुं // 747 // रोहीडयम्मि सत्तीहओ वि कुंचेण अग्गिनिवदइओ। तं वेयणमहियासिय पडिवण्णो उत्तिमं अटुं // 748 // हत्थिणपुर कुरुदत्तो सिंबलिफाली व दोणिमंतम्मि / डझंतो अहियासिय पडिवण्णो उत्तिमं अटुं // 749 // गाढप्पहारविद्धो मूइंगलियाहिं चालणि व्व कओ। भयवं चिलाइपुत्तो पडिवण्णो उत्तिमं अटुं // 750 // पंच सया अभिनंदणमाई नयरम्मि कुंभकारकडे। आराहणं पवण्णा पीलिज्जंता वि जंतेण // 751 // गोडे पाओवगओ सुबंधुणा गोमए पलिवियम्मि / डझंतो चाणक्को पडिवण्णो उत्तिमं अटुं. // 752 // वसहीए पलिवियाए रिटामच्चेण उसभसेणों वि। आराहणं पवण्णो सह परिसाए कुणालाए // 753 // जइ ता एते एवं अणगारा तिव्ववेयणट्टा वि / अक्कारियपरिकम्मा पडिवण्णा उत्तिमं अटुं // 754 // किं पुणं अणगारसहायएण कीरंतयम्मि परिकम्मे / संघे वोलग्गंते आराहेउं न सक्किजा ? - // 755 // 141