________________ तो तस्स तिगिच्छाजाणएण खमगस्स सव्वसत्तीए / विज्जाएसेणऽहवा परिकम्मं होइ कायव्वं . // 720 // बत्थीकम्माऽऽलेवण तावण तह चेव सीयकिरियाहि / अब्भंगण-परिमद्दणमाईहिं तिगिच्छए खमयं // 721 // जइ तह वि असुहकम्मोदएण वियणा न से उवसमिज्जा / अहवा तण्हाईया परीसहा से उदीरिज्जा // 722 // तो वेयणाभिभूओ परीसहादीहिं वा वहिज्जंतो / खवओ अणप्पवसओ ओहासिज्जा व पलविज्जा // 723 // सो मुझंतो सम्मं तह भणियव्वो जहाऽऽगमं गणिणा / जह सो विसुद्धलेसो पच्चागयचेयणो होइ // 724 // को सि तुमं? किनामो ? कत्थ वससि ? को व संपयं कालो? / किं कुणसि? कह व अच्छसि? को वा हं? सुयणु ! चिंतेसु॥७२५ // एवं सारेयव्वो गणिणा वच्छल्लमणुसरंतेण। . तो को वि लभेज्ज सई, अहवा जइ को वि न लभिज्जा॥ 726 // तस्स पइण्णामेरं भित्तुं संपत्थियस्स निज्जवओ / सव्वायरेण कवयं परीसहनिवारणं कुणइ // 727 // निद्धं महुरं पल्हायणिज्जं हिययंगमं अणलियं च / / तो सीहावेयव्वो सो खवओ पण्णवितेण // 728 // रोगाऽऽयंके सुविहिय ! निज्जिणसु परीसुहे ये धीबलिओ / तो निव्बूढपइण्णो मरणे आराहओ होसि // 729 // संभरसु सुयण ! जं तं मज्झम्मि चउव्विहस्स संघस्स / वूढा महापइण्णा 'अहयं आराहइस्सामि' // 730 // को नाम भडो कुलजो माणी धूलाइऊण जणमज्झे / जुझे पलाइ आवडियमित्तगो चेव अरिभीओ ? // 731 // 139