________________ जागरिया धम्मीणं, आहम्मीणं च सुत्तया सेया। वच्छाहिवभइणीए अकहिंसु जिणो जयंतीए . // 708 / अभिंतर-बाहिरयं कुणसु तवं वीरियं अगूहितो / विरियनिगूही बंधइ मायं विरियंतरायं च // 709 / सुहसीलयाइ अलसत्तणेण देहपडिबद्धयाए य। सत्तीइ तवमकुव्वं करेइ मायापओगं सो // 710 // सुहसीलयाइ जीवो तिव्वं बंधइ असायवेयणियं / अलसत्तणेण बंधइ चरित्तमोहं च मूढमई // 711 // देहपडिबद्धयाए साहुस्स परिग्गहो हवइ. जम्हा। .. मायादोसा मायाइ हुंति ता तम्मि उज्जमसु // 712 // तवमकुणंतस्सेए जहसत्तिं साहुणो भवे दोसा / तं कुणमाणस्स तओ इह-परलोए य हुंति गुणा // 713 // कल्लाणिड्डिसुहाइं जावइयाई भवे सुरवराणं / परमं च निव्वुइसुहं एयाइं तवेण लब्भंति // 714 // एवं नाऊण तवं महागुणं संजमम्मि ठिच्चाणं / / तवसा भावेयव्वो अप्पा सइ अप्पमत्तेणं // 715 // इय उवएसामयपाणएण पल्हाइयम्मि चित्तम्मि / जाओ सुणिव्वुओ सो पाऊण व पाणियं तिसिओ // 716 // 'इच्छामो अणुसद्धि भंते ! भवपंकसरणदढलट्ठि / जं जह वुत्तं तं तह करेमि' विणओणओ भणइ // 717 // अकडुयमतित्तयमणंबिलं च अकसायमलवणं महुरं। .. पाणयमणुण्ह-सिसिरं दायव्वं होइ खमगस्स // 718 // एवं संथारगयस्स तस्स कम्मोदएण जइ मुर्णिणो। . अंगे कत्थइ उट्ठिज्ज वेयणा झाणविग्घकरी // 719 // 138