________________ न वि तं करिति रिउणो, न वाहिणो, न य मयारिणो कुविया / जं काहिंतऽवयारं मुणिणो कुविया कसायरिऊ . // 696 // इंदियविसयपसत्ता पडंति संसारसायरे जीवा / पक्खि व्व छिण्णपक्खा सुसीलगुणपेहुणविहीणा // 697 // महुलित्तं व लिहंतो असिधारं जह सुहं मुणइ जीवो / तह विसयसुहं मण्णइ सुहावहं भवसहस्सेसु // 698 // न लहइ जहा लिहंतो मुहोल्लियं अट्ठियं रसं सुणओ। सो सयतालुयरसयं विलिहंतो मण्णए सुक्खं // 699 // महिलापसंगसेवी न लहइ किंचि वि सुहं तहा पुरिसो / सो मण्णए वराओ सयकायपरिस्समं सुक्खं // 700 // सुट्ठ वि मग्गिज्जंतो कत्थ वि कयलीए नत्थि जह सारो। इंदियविसएसु तहा नत्थि सुहं सुट्ट वि गविटुं // 701 // गिम्हुम्हहयस्स दुयं जह धावंतस्स विरलतरुहिट्ठा / छायासुहमप्पं से, तह थेवं इंदियसुहं पि // 702 // सोत्तेण पवसियपिया, चक्खूराएण माहुरो वणिओ / घाणेण रायपुत्तो, निहओ रसणाइ सोदासो // 703 // फासिदिएण दिट्ठो नट्ठो सोमालियामहीवालो / इक्किक्केण वि निहया, किं पुण जे पंचसु पसत्ता ? // 704 // ता धीर ? धीबलेणं दुईते दमसु इंदियतुरंगे / / तेणुक्खंयपडिवक्खो हराहि आराहणपडायं // 705 // निदं जिणाहि निच्चं, जं सा पुरिसं अचेयणं कुणइ / निद्दाइ समावडिओ पुरिसो वाहेज्ज दोसेसु // 706 // निद्दातमस्स सरिसो जियाण जं तारिसो तमो नत्थि / ता जिणसु तयं सुपुरिस ! निदं झाणस्स विग्घयरिं // 707 // 130