________________ // 624 // // 625 // // 626 // // 627 // // 628 // // 629 // एते अत्थे देहम्मि चिंतयंतस्स सुट्ट पुरिसस्स / इत्थीदेहं भुत्तुं इच्छा कह हुज्ज सघिणस्स? . खोभेइ पत्थरो जह दहे पडतो पसण्णमवि पंकं / खोभेइ तहायं कम(?)पसण्णमवि तरुणसंसग्गी कलुसीकयं पि उदयं विमलं जह होइ कयगजोएण / तह मोहकलुसियमणो जीवो वि हु वुड्ढसेवाए पुरिसस्स अप्पसत्थो भावो तिहिं कारणेहिं संभवइ / विरहम्मि अंधयारे कुसीलसेवाइ सयराहं जह चेव चारुदत्तो गोट्ठीदोसेण आवई पत्तो / पत्तो य उण्णइं सो पुणो वि तह वुड्डसेवाए तम्हा वुड्डसहावे तरुणे वुड्डे य सुट्ट सेवंता / गुरुकुलमवि न मुयंता तरंति बंभव्वयं धीरा अवलोयणेण हिययं पयलइ पुरिसस्स अप्पसारस्स / पिच्छंतस्स य बहुसो इत्थीणं वयण-रमणाणि उज्झइ परलोयभयं, तओ य लज्जं च, कुणइ वीसंभं / वीसंभाओ पणओ, पणयाओ रई हवइ पच्छा दरहसिय-जंपिएहि य महिलाणऽद्धच्छिपिच्छिएहिं च / लज्जा-मज्जायाण य मेरं पुरिसो अइक्कमइ अमुणियमणपरिकम्मो सम्मं को नाम नासिउं तंरइ ? / वम्महसंबरसरोहे दिट्ठिच्छोहे मयच्छीणं . आलोयणमित्तेणं जं मुच्छं दिति ताओ पुरिसस्स / तेण हयमहिलियाणं नयणाई विसालयाई फुडं घणमालाओ व दूरुण्णमंतसुपओहराओ वटुंति / मोहविसं महिलाओ आलक्कविसं व पुरिसस्स 131 // 630 // // 631 // // 632 // // 633 // // 634 // // 635 //