________________ ओहेण न वूढाओ, जलंतघोरग्गिणा न दड्डाओ। सीहेहिं सावएहि य परिहरियाओ अपावाओ // 588 // मोहोदएण जीवो सव्वो दुस्सीलमइलिओ होइ / सो मोहो महिलाणं पाएण जमुक्कडो होइ // 589 // ता एयं पण्णवणं पडुच्च वुच्चंति थीकया दोसा / ते भावितो सम्मं विसएसु विस(? र)ज्जए पुरिसो // 590 // देहस्स बीयनिष्फत्तिखित्तमाहार-जम्म-वुड्डीओ। अवयवनिग्गममसुई पिच्छसु वाही जरा चेव // 591 // देहस्स सुक्क-सोणियमसुई उप्पत्तिकारणं जम्हा / . . तम्हा देहो असुई अमेज्झघडिओ घडो चेव // 592 // जं सुद्धिकारणकयं कारणसुद्धीइ सुज्झइ तयं तु / कत्तो अमेज्झघड़ियस्स होइ सुद्धी संरीरस्स? . // 593 // कललगयं दसरत्तं अच्छइ, कलुसीगयं च दसरत्तं / दसरत्तं जंबालं अच्छइ गब्भम्मि तं बीयं .. // 594 // मासेणऽब्बुयभूयं, तत्तो मासेण होइ घणभूयं / जायइ मासेण पुणो वि मंसपेसी चउत्थेण // 595 // पंचममासे पुलया, अंगोवंगाई हुँति मासेणं / मासम्मि सत्तमे तस्स हुंति चम्म-ऽट्ठि-लोमाणि // 596 // फंदण अट्ठममासे नवमे दसमे व होइ निग्गमणं / सव्वासु अवत्थासु वि दुगुंछियं देहमिणमसुई // 597 // अह सत्तमम्मि मासे उप्पलनालसरिसा हवइ नाही। . तप्पभिई आहारइ वमियं मायाइ सो तीए // 598 // असुई अपेच्छणिज्जं दुग्गंध मुत्त-सोणियदुवारं। वुत्तुं पि लज्जणिज्जं पोट्टमुहं जम्मभूमी से // 599 // 128