________________ वीरमईए सूरंगचोरदट्ठोट्ठियाइ वाणियओ / दत्तो नाम पहओ "छिण्णो ओट्ठो' त्ति आलविए // 576 // पाउसकालनईओ व्व ताओ निच्चं पि कलुसहिययाओ। धणहरणकयमईओ चोरो व्व सकज्जगरुयाओ // 577 // वग्धि व्व घोरहिययाओ ताओ, संझ व्व चवलरागाओ।। मयविम्हलाओ निच्वं मत्तो व्व गओ महिलियाओ // 578 // अलिएहिं हसिय-भणिएहि अलियरुण्णेहिं अलियसवहेहिं / पुरिसस्स चलं चित्तं हरंति कवडाओ महिलाओ // 579 // महिला पुरिसं वयणेहिं हरइ, हियएहिं हणइ निक्करुणा / अमयमइया व वाया, विसमयमिव होइ हिययं से // 580 // सोयसरी दुरियदरी कवडकुडी महिलिया किलेसकरी / वइरविरोयणअरणी दुक्खखणी सुक्खपडिवक्खो // 581 / / पासो व्व बंधिउं जे, छेत्तुं महिला असि व्व पुरिसस्स / सल्लो व्व सल्लिडं जे, पंको व्व निमज्जिउं सहसा // 582 // फालेउं करवत्तं व होइ, सूलं व महिलिया भित्तुं / पुरिसस्स खुप्पिउं कद्दमो व्व, मच्चु व्व मरिउं जे // 583 // महिलाणं जे दोसा ते पुरिसाणं च हुंति नीयाणं / तत्तो अहिगतरा वा, तत्तो बल-सत्तिमंताणं. // 584 // नियसीलरक्खयाणं पुरिसाणं निदियाओ महिलाओ / सीलं रक्खंतीणं महिलाणं निंदिया पुरिसा // 585 // किं पुण गुणकलियाओ महिलाओ अस्थि वित्थयजसाओ / तित्थयर-चक्कि-हलहर-गणहर-सप्पुरिसजणणीओ // 586 // सीलवईओ सुव्वंति महियले पत्तपाडिहेराओ। नरलोयदेवयाओ चरमसरीराओ पुज्जाओ // 587 // 120