________________ पढमे सोयइ वेगे, दटुं तं इच्छए बिइयवेगे / नीससइ तइयवेगे, आरुहइ जरो चउत्थम्मि // 552 // डज्झइ पंचमवेगे अंगं, छठे न रोयए भत्तं / मुच्छिज्जइ सत्तमए, उम्मत्तो होइ अट्ठमए // 553 // नवमे किं पि न याणइ, दसमे पाणेहिं मुच्चइ मयंधो / संकप्पवसेण पुणो वेगा तिव्वा य मंदा य // 554 // सूरग्गी दहइ दिया, रत्तिं च दिया य डहइ कामग्गी / सूरस्स अस्थि उज्झा(? च्छा)यणं पि, कामग्गिणो नत्थि // 555 // कामपिसायग्गहिओ हियमहियं वा न अप्पणो मुणइ / पिच्छइ कामग्घत्थो हियं भणंतं पि सत्तुं व // 556 // अयसमणत्थं दुक्खं इहलोए, दुग्गइं च परलोए / संसारं च अणंतं न गणइ विसयामिसे गिद्धो // 557 // लालकनरयवियणाओ घोरसंसारसायरुव्वहणं / संगच्छइ, न य पिच्छइ तुच्छत्तं कामियसुहस्स // 558 // गायइ नच्चइ वायइ, धुयइ अवाणं च, मलइ अंगाई। सोहइ मुत्तपुरीसं कुलम्मि जाओ वि विसयवसो // 559 // वम्महसरसयविद्धो गिद्धो वणिउ व्व रायपत्तीए / पाउक्खालयगेहे दुग्गंधे णेगसो वसिओ // 560 // कामुम्मत्तो न मुणइ गम्माऽगम्मं पि वेसियाणी व्व / सिट्ठी कुबेरदत्तो व्व नियसुयासुरयरइरत्तो // 561 // इहलोगे वि महल्लं दुक्खं कामस्स वसगओ पत्तो / मरिउं पावपरद्धो कडारपिंगो गओ नरगं // 562 // एते सव्वे दोसा न हुंति पुरिसस्स बंभयारिस्स / तव्विवरीया वि गुणा भवंति विविहा विरागिस्स // 563 // 125