________________ को तस्स दिज्जइ तवो ? इय पच्छण्णं पपुच्छिउं कुणइ / सयमवि पायच्छित्तं छट्ठो आलोयणादोसो // 360 // मयतण्हाओ उदयं इच्छइ, कूरं च चंदपरिवेसे। जो सो इच्छइ सोहिं अकहितो अप्पणो दोसे // 361 // पक्खिय-चाउम्मासिय-संवच्छरिएसु सोहिकालेसु / सद्दाउले कहेई दोसे से होइ सत्तमओ // 362 // अरहट्टघडीसरिसी अहवा बुंदंछिओवमा होइ / भिण्णघडसरिच्छा वा सल्लविसोही इमा तस्स // 363 // आलोइऊण गुरुओ पायच्छित्तं पडिच्छिउं तत्तो / तमसद्दहओ पुच्छइ अण्णोण्णं अट्ठमो दोसो // 364 // पउणो वणो ससल्लो जह संतावेइ आउरं पच्छा / .. तिव्वाहि वेयणाहिं सल्लविसोही तहेसा वि // 365 // आगम परियाएण व जो बालो तस्स निययदुच्चरियं / आलोयंतस्स फुडं नवमो आलोयणादोसो // 366 // कूडहिरण्णं जह निच्छएण दुज्जणकया जहा मित्ती / पच्छा होइ अपत्थं, सल्लविसोही तहेव इमा // 367 // पासत्थो पासत्थे थेवं देहि त्ति तस्स आलोए। जाणंतो अप्पसमं दसमो आलोयणादोसो // 368 // लोहियदसियवत्थं धोवइ जह को वि लोहिएंणेव / सोहीकएण मूढो सल्लविसोही तहेव इमा // 369 // पवयणनीहूयाणं जह दुक्करकारियं करिताणं / दूरं खु सिद्धिगमणं सल्लविसोही तहेसा वि // 370 // सो दस वि इमे दोसे भय-लज्जाओ य माण-मायाओ / निज्जूहित्ता सुद्धं करेइ आलोयणं विहिणा // 371 // . . 100