________________ / 172 // जयइ जयदुल्लहमिणं विइण्णविण्णाणवीरउक्करिसं / जर-मरण-सोगसंमणं अमयं व मयं जिणिदाणं // 168 // अह कयपरिकम्मविहिस्स तस्स गणसंकमं करितस्स / विहिमवितहं भणिस्सं, दाराई इमाइं दस तम्मि // 169 // दिस खामणाऽणुसट्ठी परगण सुट्ठियगवेसणा चेव / उवसंपया परिच्छा पडिलेहाऽऽपुच्छण पडिच्छा // 170 / / अह सगणमागओ सो वाहरिय गणं गणाहिवो जइ सो। गणहियमणुचितंतो सुहतिहि-नक्खत्त-लग्गम्मि // 171 // गुणगणहरमणगारं आभोइय तम्मि निसिरइ गणं सो। अणुजाणाइ दिसं सो 'एस दिसा वो' त्ति बोहित्ता आमंतेऊण गणं सबाल-वुटुं गणिं च तो भणइ / कडुय फरुसं व भणिया तं भे सव्वं खमावेमि // 173 // वंदिय कयंजलिउडा तायारं वच्छलं बहुं ताई / . निययं धम्मायरियं खामिति य ते वि तिविहेणं // 174 // अम्हे वि खमावेमो जं अण्णाण-प्पमायदोसेणं / पडिलोमिया य आणा हिओवएसं करिताणं // 175 // संवेगजणियहासो सुत्त-ऽत्थविसारओ सुयरहस्सो / आयटुं चिंतंतो चिंतेइ गणं जिणाणाए. // 176 // निद्ध महुरं गभीरं गाहगपल्हायणिज्जमणवज्ज / अणुसद्धिं देइ गणी गणाहिवइणो गणस्स वि य // 177 // वडुंतओं विहारो दंसण-नाण-चरणेसु कायव्वो / कप्पाऽऽकप्पठियाणं सव्वेसिमणागई मग्गे // 178 // संखित्ता वि य पमुहे जह वच्चइ वित्थरेण वडती / उदहितेण वरनई तह सीलगुणेहिं वड्डाहि // 179 // 2