________________ // 144 // // 145 // // 146 // // 147 // // 148 // // 149 // अणुसूरं पडिसूरं च उड्डसूरं च तिरियसूरं च / समपायमेगपायं गद्धोलीणादिठाणाई वीरासण पलियंकं समपुय गोदोहिया य उक्कुडुयं / दंडायय उत्ताणय ओमंथ लगंडसयणादी अण्हाणमणुव्वट्टणमकायकंडुयण केसलोयं च / कायकिलेसो एसो सीउण्हाऽऽयावणाई य भद्दय-पावयसद्दाइएहिं जहियं विसोत्तिया नत्थि / सज्झायझाणविग्धं च नत्थि वसही विवित्ता सा संलीणयाउवगओ पसत्थजोगेहिं सुप्पउत्तेहिं / पंचसमिओ तिगुत्तो आयट्ठपरायणो होइ सो नाम बाहिरतवो जेंण मणो मंगुलं न चिंतेइ / जेण य न जोगहाणी, मणनिव्वाणी य. से होइ बाहिरतवेण निच्चं पि होइ सुहसीलया परिच्चत्ता / संलिहियं च सरीरं, ठविओ अप्पा य संवेगे दंताणि इंदियाणि य अप्पडिबद्धो य देहरतिसुक्खे / अणिमूहियवीरियया जीवियतण्हा य वुच्छिण्णा बहुयाणं संवेगो जायइ, केसिंचि बीयबंधो य / मग्गो य दीविओ, भगवओ य अणुपालिया आणा अणुपुव्वेणाऽऽहारं संवट्टितो य संलिहे देहं / ' आयंबिलं तु तहियं मुणिणो उक्कस्सयं बिंति संलेहणाइ कालो उक्किट्ठो जिणवरेहिं निद्दिट्ठो / .. कालम्मि पहुप्पंते बारस वासाणि पुण्णाणि चत्तारि विचित्ताई, विगईनिज्जूहियाइं चत्तारि / संवच्छरे य दुण्णि उ एमंतरियं च आयामं // 150 // // 151 // // 152 // // 153 // // 154 // // 155 // 81