________________ // 75 // // 76 // // 77 // / / 78 // // 79 // // 80 // तव्वेहसाहणकए दुगवीससुया समागया तत्थ / / चत्तारि चेडरूवा रागद्दोसा दुवे सुहडा / तत्थ न पत्तं केहिं वि कण्णालाहं तहा य जयवायं / * निव्वीरं धरणियलं दतॄणं विसाइया सव्वे अह सो संजमपुत्तो भूमिवइणो पहाणदोहिच्चो / आगम्म थंभपासे तत्थ य सव्वं पलोइत्ता रोडिज्जंतो चेडेहिं हसिज्जमाणो देवीसपरिसेहि। हीलिज्जतो वि राग-दोसचेडेहिं छलमत्तं विगहापमायखग्ग-कुंतग्गेहि समं भयत्तेहिं / . सुहकिरियाउज्जुजीवा संजुज्जा णाणधणुदंडे खाइगसम्मत्तसरो मंडित्तोवसममंडलट्ठाणे। .. सुठुनिययप्पवीरिय-गुणेहिं निस्संसयाउत्तो मुक्को य तत्थ बाणो राहावेहो कओ तहा तेण / हट्ठाखिलभव्वणिवा जयजयसद्दो समुच्छलिओ खित्ता केवललच्छी वरमाला निव्वुइए तस्स गले। भग्गा दिसोदिसं ते सव्वे वि परीसहाइया संतुट्ठो कम्मनिवो दंसणसइवस्स जयवरो दिण्णो / धिक्कारं कारिऊणं कड्डिया रागदोसभडा जाओ सलाहणिज्जो सव्वत्थपसंसमाणगुणनिवहो / सिरिजिणवरसुसरेण य विहिओ नियरज्जधोरिज्जो जह तेहिं न हु पत्तं राहावेहस्स लाहमण्णेहिं / तह मणुयत्तं पुणरवि न लहिज्जइ हीणपुण्णेहि इय सत्तमदिटुंतो चक्कयणामा मए विणिद्दिट्ठो। नरभवलद्धट्ठाए लिहिओ पवयणसमुद्दाओ 332 // 81 // .. // 82 // . // 83 // // 84 // . // 85 //