________________ // 63 // // 64 // // 65 // // 66 // // 67 // // 68 // विद्धाए तिए खित्ता वरमाला निव्वुइए से कंठे। आणंदिओ नरिंदो जयजयसद्दो समुच्छलिओ विहिओ वीवाहमहो दिण्णं रज्जं पि से महीवइणा / जह तेण चक्कच्छिदं लद्धं न उ सेसकुमरेहिं कहमवि देवबलेण य अब्भासवसेण साहिउं सक्को / राहावेहो वि पुणो न लहिज्जइ नरभवं एवं तह कोइ पुण्णपब्भार-भारिओ माणुसत्तणं लहइ / एवं अणोरपारं भवकतारं परियडंतो जह इंददत्तनरवई भवप्पवंचप्पयारपुरसामी। तह कम्मपरिणामनिवो अविरई तस्सग्गमहिसी य बावीसा जह पुत्ता तह बावीसं परीसहा जाण। तिण्हाचेडी तस्स य पुत्ता चत्तारि य कसाया जह अमच्चस्स य धूया दंसणमच्चस्स तह धुआ.विरई / तद्दिद्वेण य राया संजाओ रागपरतंतो पुण्णसिणेहेण तओ विलासमाणस्स संभूओ गब्भो / अविरइसवित्तीहिं तओ राओ मंदीकओ तीसे संजमनामा पुत्तो जणयगिहे तीए समयए जणिओ। सुविवेउवज्झायाण अंतिए पाढिओ सम्मं . अह जह जियसत्तुनिवो विण्णेओ तह जिपंदनरदेवो / निव्वुई तस्स कण्णा पाणिग्गहणट्ठमुब्भविओ सुहसामग्गीमंडव-जिणआणापीढतेल्लकुंडयं तत्थ / सुयधम्मकम्मथंभो-वरि मंडियमट्ठवरचक्कं चत्तारि घाइकम्माई अघाइकम्माइं तह य चत्तारि / मोहणीयट्ठिइ राहा पंचाली सा मुणेयव्वा 331 // 69 // // 70 // // 71 // // 72 // // 73 // // 74 //