________________ // 6 // // 7 // // 8 // कालेण तम्मि कइया तायम्मि गयम्मि कत्थ वि य समए। कत्तो वि कज्जवसओ विहिया देसंतरं दूरं तो तरुणबुद्धिणा ते तणया कोउहलं पडागाणं / काऊण मणे रयणाण विक्कयं काउमारद्धा विहिया धणकोडीओ पत्ते य महम्मि पंचवण्णाओ। पवणपणोल्लियकणय-किंकिणीजालकलियाओ नियपासायस्सुवरि सयसंखा णिम्मिया पडायाओ। एवं वटुंताणं तेसिं ताओ समायाओ भणिया य तेण किमियं चेट्ठियमसमंजसं जओ ताणि / रयणाणि मोल्लरहियाणि विक्कओ ताण कहं विहिओ // 9 // मोल्लाणि पडिसम्मपिअ तेसिं वणिजा रयणाण लहु चेव / जह एइ मज्झ गेहं ताई तुब्भेहिं तह कज्जं // 10 // तो तेहिं अट्ठ अट्ठसु दिसासु तेसिं गवेसणनिमित्तं / पारसकूलाइसु पत्ता देसंतरेसु कमा // 11 // सव्वायरेण ताई गवेसियाई न सव्वसंजोगा। संजाओ वणिआणं कहिं पि केसि पि गमणवसा . // 12 // रयणाण तेसिं दुलहो समागमो जह तहेव जीवाणं / मणुयत्ताओ भट्ठाण पुणो वि माणुस्सओ जम्मो. // 13 // घेत्तूणं रयणाणि कहमवि तेसिं समागमो हुज्जा / देवप्पहावेण पुणो मणुयत्तं णो तहा भटुं // 14 // णिच्छयववहारमाइ-जलबहुमुल्लागमाइरयणधणो / जो सुविहियगीयत्थो सो ववहारी मुणेयव्वो // 15 // पासत्थोसन्नकुसील-संसत्तहाच्छंदरूवपंचसुया / बज्झसुहबद्धचित्ता अण्णोण्णं ते परममित्ता 315