________________ // 50 // इय बीओ दिटुंतो पासगणामा मए विणिद्दिट्टो / णरभवलद्धट्ठाए लिहिओ पवयणसमुद्दाओ सिरिविजयप्पहसूरि-रज्जे सिरिविणयविमलकविराया। सिरिधीरविमलपंडियसीसेण णयाइविमलेण // 51 // . // 1 // // 2 // // 3 // // 4 // ॥सर्षपनामा तृतीयो दृष्यन्तः // किल कप्पणाए केण वि सुरेण कोउलहेण सव्वाई। धण्णाई मेलियाई भारहवासस्स तणयाइ' एगो सरिसवपत्थो अह खित्तो ताण मज्झयारम्मि / आलोडियाई ताई भणिया एगा तओ थेरी दुब्बलदेहा दारिद्द-दूमिया किंचि रोगविहुरंगी। तं सुप्पसणाहकरा विगिछ एयाई धण्णाई ता जा सरिसवपत्थो पुण्णो सो चेव सा तहा काउं। पारद्धा मेलिज्जा किण्णं पत्थं सरिसवाणं एवमेव मणुयजम्मो अणेगजोणीसु परिभमंताणं / पत्तो भट्ठो मणुआणं दुल्लहो मोहमलिणाणं सा वि समत्था हवइ देवप्पहावेण तत्थ कइया वि / धण्णयविगंछणाइकज्जे नो पुण मणुयलाहे कम्मसुहासुहपज्जव-वग्गणधण्णाइजाइ णेयव्वा / जह थेरा तह अविरइ मिच्छत्तदरिद्दगयजुत्ता संकाइदुब्बलंगी नत्थिक्कजराइजिण्णजरदेहा / जिणवयणसरिसवाणं पत्थो तह दिट्ठिवाओ य सुविवेयसुप्पगेहिं विगंछए णो वि कम्ममिलियाणं / जिणवयणसरिसवाणं जह थेरा अविरइ तहा य // 7 // // 8 // // 9 // 310