________________ लाण। // प्र०४ वेसमणस्स उ सामाणिओ चुओ वग्गुवरविमाणाओ। जो तुंबवणे धणगिरिअज्जसुनंदासुओ जाओ // 149 // तुबंवणसन्निवेसाउ निग्गयं पिउसगासमल्लीणं / छम्मासियं छसु जयं माऊयसमन्नियं वंदे // प्र० 47 // जो गुज्झगेहि बालो निमंतिओ भोयणेण वासंते। नेच्छइ विणीयविणणेओ तं वयररिसिं नमसामि // प्र० 48 // उज्जेणीए जो जंभगेहि आणक्खिऊण थुइमहिओ। अक्खीणमहाणसियं सीहगिरिपसंसियं वंदें // प्र० 49 // जस्स अणुनाए वायगत्तणे दसपुरम्मि नयरम्मि। . . देवेहि कया महिमा तं पयाणुसार नमंसामि ॥प्र० 50 // जो कन्नाइ धणेण य निमंतिओ जुव्वणम्मि गिहिवइणा / नयरम्मि कुसुमनामे तं वयररिसिं नमसामि // प्र० 51 // जेणुद्धरिया विज्जा आगासगमा महापरिण्णाउ। वंदामि अज्जवयरं अपच्छिमो जो सुयहराणं // प्र० 52 // भणइ य आर्हिडिज्जा जंबुद्दीवं इमाइ विज्जाए। गंतूण माणुसनगं विज्जाए एस मे विसओ // प्र० 53 // .. भणइ य धारेयव्वा न हु दायव्वा मए इमा विज्जा। अप्पड्डिया य मणुया होर्हिति अओ परं अन्ने / प्र०५४॥ माहेसरीइ सेसा पुरीए नेया हुयासणगिहाउ / गयणयलमणुवइत्ता वयरेण महाणुभावेणं // प्र० 55 // जस्सासी वेउब्वियनहगमणपयाणुसारिलद्धीओ। तं वंदे जाइसरं अपच्छिमं सुयहरं वयरं // 150 // नाणविणयप्पहाणेहिं पंचहिं सएहिं जो सुविहियाणं / पाओवगओ महप्पा तमज्जवयरं नमसामि // प्र०५६॥ 2