________________ // 110 // // 111 // // 113 // // 114 // // 115 // अन्ने वि भद्दनंदिप्पमुहा नव निवकुमारमुणिवसहा / संपत्तसुहविवागा सुबाहुगमएण नायव्वा लोए व अलोए वा पुव्विं एमाइ पुच्छिओ वीरो / रोहा सासयभावाण नाणुपुब्वि त्ति अकहिंसु संते व असंते वा लोए इच्चाइ पिंगलगमुणिणा / पुट्ठो निव्वागरणो वीरसयासम्मि पव्वइओ एक्कारसंगधारी गोयमसामिस्स पुव्वसंगइओ। बारसवासे बारस पडिमाओ तवं च गुणरयणं फासित्तु अच्चुएं जो मासं पाउवगमेणं संपत्तो / सिज्झिस्सई य विदेहे तं खंदयमुणिवरं वंदे चरमजिणसीसतीसगमुणी तवं छट्ठमट्ठवरिसाई। . काउं मासं संलिहिय सक्कसामाणिओ जाओ कुरुदत्तसुओ छम्मासमट्ठमायवणपारणायामं। काउं ईसाणसमो जाओ संलिहिय मासद्धं टुट्ठममासो अद्धमासो वासाइं अट्ठ छम्मासा / तीसगकुरुदत्ताणं तवभत्तपरिण्णपरियाओ . पव्वइओ जो मायासमन्निओ वीरपायमूलम्मि। सो अभयकुमारमुणी पत्तो विजयं वरविमाणं रायवरकन्नगाओ अवगण्णिय अट्ठ गहियपव्वज्जो / पुव्वभवकहणपुव्वं वीरेण थिरीकओ धम्मे भिक्खुपडिमाउ बारस काउं गुणरयणवच्छरं च तवो। पत्तो मेघकुमारो विजए इक्कारसंगधरो वेसावासे वासं कुणमाणो जयउ नंदिसेणमुणी। दस दस दिवसे दिवसे पुरिसे पडिबोहिऊण बलइ // 116 // // 117 // // 118 // // 119 // // 120 // // प्र० 26 // 287