________________ // 87 // // 88 // // 89 // // 90 // // 91 // // 92 // सो धम्मघोससीसो भुच्चा मासखमणपारणए / धम्मरुई संपत्तो विमाणपवरम्मि सव्वढे पालिय मंसनियत्तिं विज्जेहिं पणिओ वि गेलन्ने / पव्वइओ सिद्धिपुरं संपत्तो जयउ जिणदेवो दोमासकणयकज्जं कोडीए वि हु न निट्ठियं जस्स / छम्मासे छउमत्थो विहरिय जो केवली जाओ बलभद्दप्पमुहाणं इक्कडदासाणं पंच य सयाई / जेण पडिबोहियाइं तं कपिलमहारिसिं वंदे दगुण तवोरिद्धि पडिबुद्धा माहणा पउट्ठा वि / जस्साइसेसनिहिणो हरिएसबलं तयं नमिमो पलिओवमाई चउरो भोए भोत्तूण पउमगुम्मम्मि.। छप्पि य पुव्ववयंसा इसुयारपुरे समुप्पन्ना इसुयारो पुहइवई देवी कमलावई य तस्सेव / भिगुनामा य पुरोहिय पवरी भज्जा जसा तस्स दुन्नि य पुरोहियसुया ते जाया बोंहिकारणं तेसि / सव्वे ते पव्वइउं पत्ता अयरामरं ठाणं खत्तियमुणिणा कहियाइं जस्स चत्तारि समवसरणाई। तह पुव्वपुरिसचरियाई संजओ सो गओ सिद्धि सेणियपुरओ जेणं परूवियं अप्पणो अणाहत्तं / तं वंदे हयमोहं अमोहचरियं नियंठमुर्णि वझं नीणिज्जंतं दटुं विरत्तो भवाउ निक्खंतो। निव्वाणं संपत्तो समुद्दपालो महासत्तो जयघोसेणं पडिबोहिऊण पव्वाविओ विजयघोसो। कासवगुत्ता ते दो वि समणसीहा गया सिद्धि 285 // 93 // // 94 // // 95 // // 96 // // 97 // // 98 //