________________ // 80 // जियसत्तू पडिबुद्धो सुबुद्धिवयणेण उदगनायम्मि।। ते दो वि समणवसहा सिद्धा इक्कारसंगधरा // 76 // उववन्नो जोऽणज्जेसु दट्ठमुसभस्स समजडं पडिमं / पव्वइओ जेण पुणो चरणावरणे उइन्नम्मि // 77 // अप्पा विमोइउ भावबंधणा दव्वबंधणाउ करी। लद्धजओ परतित्थिसु सो अद्दरिसी सिवं पत्तो // 78 // न दुक्करं वारणपासमोयणं गजस्स मत्तस्स वणम्मि रायं / जहा उ चत्ता वलिएण तंतुणा तं दुक्करं मे पडिहाइ मोयणं // 79 // नालंदाए अद्धतेरसकुलकोडिकयनिवासाए। पुच्छिय गोयमसामी सावयवयपच्चक्खाणविहिं जो चरमजिणसमीवे पडिवन्नो पंचजामियं धम्मं / पेढालपुत्तमुदयं तं वंदे मुणियसयलनयं // 81 // आसी सुरसादिव्वा सीलं रूवं च जस्स जयपयडं। तं निक्खं वंदे सिद्धि पत्तं सुजायरिसिं . // 82 // गिहिणो वि सीलकणयं निव्वडियं जस्स वसणकसवट्टे / तं नमिमो सिवपत्तं सुदंसणरिसिं महासत्तं // 83 // खंतिखमं उग्गतवं दुक्करतवतेयनाणसंपन्नं / किन्नरगणेहिं महियं सुदंसणरिसिं महासत्तं // प्र० 24 // जीवाणुववाय-पवेसणाइ पुच्छित्तु वीरजिणपासे / गिण्हित्तु पंचजामं गंगेओ जयउ सिद्धिगओ एक्कारसंगधारी सीसो वीरस्स मासिएण गओ। सोहम्मे जिणपालियनामा सिज्झिस्सइ विदेहे // 85 // तीयद्धाए चंपाए सोमपत्तीइ जस्स कडुतुंबं / दाउं नागसिरीए उवज्जिओऽणंतसंसारो // 86 // // 84 // 284