________________ // 7/17 // // 7 // 18 // // 7/19 // // 720 // // 7 / 21 // // 7 // 22 // भेरीभाङ्कारतोऽभीयुर्योधाः सद्यः स्मरादयः / अहंपूर्विकया सर्वे जयलक्ष्मी जिघृक्षवः / / स्मरेण सह युद्धवानों येऽभूवन् सुभटाः पुरा / समग्रान् सह जग्राह मोहस्तान् जितकासिनः विवेकं प्रति यानाय मोहे प्रोत्साहशालिनि / विश्वमाबालगोपालमासीदाशीर्वच:प्रदम् अथ जडतया पल्यान्वीयमानः पदे पदे / हिंसादिहरिणाक्षीभिर्गीयमानगुणव्रजः प्रयुक्तव्यक्तकल्याणवाणिः कुश्रुतबन्दिना / अपिनद्धदुरावेशसन्नाहः साहसोल्बणः अनर्थदण्डकोदण्डदण्डमण्डितदोलतः / दधन्मतिश्रुताज्ञानतूणीरौ बाणपूरितौ . निष्कृपत्वकृपाणेन कम्पयन्नमरानपि / अक्षामं तामसं भावं शिरस्कं दधदायसम् सर्वतो निनदन्मिथ्यावादवादित्रडम्बरः / आरूढो यमयानाभमसत्सङ्गमतङ्गजम् विरोधिरोधसाहाय्यकृति दत्ते पुरोधसा / गुरुकर्मोदये लग्ने प्रतस्थे मोहभूपतिः पुरः प्रतस्थिरे तस्य कुविकल्पाः पदातयः / अंदभ्रसंभ्रमाद्भूमिमस्पृशन्त इव क्रमैः परितः प्रावृता रौद्रदुर्ध्यानव्याघ्रचर्मणा / रथा दधाविरे तेषां पृष्ठतो दुर्मनोरथाः प्रियप्राप्त्यप्रियाप्राप्तिकामाः पवनवेगिनः / तरलास्तुरगास्तेषामनुगाः कोटिशो बभुः 201 // 7 // 23 // // 7 // 24 // // 725 // // 7 // 26 // // 727 // // 7 / 28 //