________________ समयम्मि निग्गुणेसु वि, भणिया मज्झत्थ भावणा चेव / परदोस-गहणं पुण, भणियं अन्नेहिं वि विरुद्ध // 462 // लोओ परस्स दोसे, हत्थाहत्थिं गुणे य गिण्हंतो। अप्पाणमप्पणो चिय, कुणइ सदोसं च सगुणं च // 463 // भूरिगुणा विरल च्चिय, इक्कगुणो वि हु जणो न सव्वत्थ / निद्दोसाण वि भई, पसंसिमो थोवदोसे वि // 464 // परदोसकहा न भवइ, विणा पओसेण सो य भवहेऊ / खमओ कुंतलदेवी, सूरी य इह उदाहरणा // 465 // पुव्वुत्तगुणसमग्गं, धरिउं जइ तरसि नेय चारित्तं / सावयधम्मम्मि दढो, हविज्ज जिणपूयणुज्जुत्तो // 466 // वर-पुप्फ-गंध-अक्खय-पईव-फल-धूव-नीर-पत्तेहिं / नेवज्जविहाणेहि य, जिणपूया अट्टहा भणिया // 467 // उवसमइ दुरियवग्गं, हरइ दुहं जणइ सयलसुक्खाई। चिंताइअं पि फलं, साहइ पूआ जिणंदाणं. // 468 // पुप्फेसु कीर जुयलं, गंधाइसु विमल-संख-वरसेणा। सिव-वरूण-सुजस-सुव्वय, कमेण पूयाइ आहरणा // 469 // अन्नो सुक्खम्मि जओ, नत्थि उवाओ जिणेहिं निद्दिट्टो / तम्हा दुहओ चुक्का, चुक्का सव्वाण वि गईणं // 470 // तो अवगय परमत्थो, दुविहे धम्ममि हुज्जदढचित्तो। समयंमि जओ भणिया, दुलहा मणुयाइसामग्गी // 471 / / अइदुल्लहं पि लद्धं, कहमवि मणुयत्तणं पमायपरो / जो न कुणइ जिण धम्मं, सो झूरइ मरणकालम्मि // 472 // जह वारिमज्झछूढ व्व, गयवरो मच्छउ व्व गलगहिओ। वग्गुरपडिओ व्व मओ, संवट्टइ उ जह व पक्खी // 473 // . 85