________________ // 438 // // 542 इह लोगम्मि तिदंडी, सादिव्वं माउलिंग वणमेव / परलोइ चंड पिंगल, हुंडिय जक्खो अ दिटुंतो सज्झायं पि करिज्जा, वज्जतो जत्तओ अणाययणं / तं इत्थिमाइयं पुण, जईण समए जओ भणियं // 439 // विभूसा इत्थि संसग्गो, पणीयं रसभोअणं / नरस्सत्तगवेसिस्स, विसं तालउडं जहा // 440 // सिद्धत-जलहि-पारं-गओ वि विजिइंदिओ वि सूरो वि / थिरचित्तो वि छलिज्जइ, जुवइ-पिसाईहिं खुड्डाहिं // 441 // मयण-नवणीय-विलओ, जह जाइ जलणसंनिहाणम्मि / तह रमणिसंनिहाणे, विद्दवइ मणो मुणीणं पि // 442 // नीयंगमाहिं सुपओ-हराहिं उप्पित्थ-मंथरगईहिं। महिलाहिं निन्नयाहि य, गिरिवरगरुया वि भिजति // 443 // घणमालाउ व दूनमंत सुपओहराउ वटुंति / मोहविसं महिलाओ, दुनिरुद्ध विसं व पुरिसस्स // 444 // सिंगार-तरंगाए, विलास-वेलाइ जुव्वण-जलाए / के के जयम्मि पुरिसा, नारि-नईए न बुड्डेति // 445 // जुव्वईहिं सह कुणंतो, संसग्गिं कुणइ सयलदुक्खेहिं / न हि मूसगाण संगो, होइ सुहो सह बिडालीहिं // 446 // * रोयंति रुआवंति अ, अलियं जंपति पत्तियावंति / कवडेण य खंति विसं, महिलाओ न जंति सब्भावं // 447 // परिहरसु तओ तासिं, दिढेि दिट्ठीविसस्स व अहिस्स / जं रमणिनयणबाणा, चरित्तपाणे विणासंति // 448 // जइ वि परिचत्तसंगो, तंवतणुअंगो तहा वि परिवडइ / महिला संसग्गीए,. पवसिअ-भवणूसिय-मुणि व्व // 449 // // 448 //