________________ जम्हा विणयइ कम्मं, अट्ठविहं चाउरंत-मुक्खाए.। तम्हा उ वयंति विऊ, विणउत्ति विलीण-संसारा // 402 // लोगोवयार-विणओ, अत्थे काम भयम्मि मुक्खे अ। विणओ पंच विगप्पो, अहिगारो मुक्ख-विणएण // 403 // दंसण-नाण-चरित्ते, तवे य तह ओवयारिए चेव। मुक्ख-विणओ वि एसो, पंचविहो होइ नायव्वो // 404 // दव्वाइ सद्दहंते, नाणेण कुणंतयम्मि किच्चाई। . चरणं तवं च सम्मं, कुणमाणे होइ तविणओ // 405 // अह ओवयारिओ पुण, दुविही विणओ समासओ होइ / पडिरूव-जोग-मुंजण, तह य अणासायणा विणओ // 406 // पडिरूवो खलु विणओ, काइय जोगेय वाय माणसिओ। अट्ठ चउव्विह दुविहो, परूवणा तस्सिमा होइ // 407 // अब्भुट्ठाणं अंजलि, आसणदाणं अभिग्गह किईय। सुस्सूसण अणुगच्छण, संसाहण काय अट्ठविहो // 408 // हिअमिअ अफुरस वाई, अणुवाई भासि वाईओ विणओ। अकुसलमणो निरोहो, कुसलमणो-दीरणं चेव // 409 // पडिरूवो खलु विणओ, पराणुवित्ति-मइओ मुणेयव्वो। अप्पडिरूवो विणओ, नायव्वो केवलीणं तु // 410 // एसो भे परिकहिओ, विणओ पडिरूवलक्खणो तिविहो। बावन्न-विहि-विहाणं, बिंति अणासायणा विणयं // 411 / / तित्थयर-सिद्ध-कुल-गण-संघ-किरिय-धम्म-नाण-नाणीणं / . आयरिय-थेरु-वज्झाय, गणीणं तेरसपयाणि // 412 // अणासायणा य भत्ती, बहुमाणो तह य वण्णसंजणणा। तित्थयराई तेरस, चउग्गुणा हुंति बावन्ना * // 413 // 80