________________ // 348 // // 349 // // 350 // // 351 // // 352 // // 353 // हीणस्स वि सुद्धपरूवगस्स नाणाहियस्स कायव्वं / जणचित्तग्गहणत्थं, करिति लिंगावसेसे वि . दगपाणं पुष्फफलं, अणेसणिज्जं गिहत्थकिच्चाई। अजया पडिसेवंती, जइवेसविडंबगा नवरं ओसन्नया अबोही, पवयणउब्भावणा य बोहिफलं। ओसन्नो वि वरं पि हु पवयणउब्भावणापरमो गुणहीणो गुणरयणायरेसु जो कुणइ तुल्लमप्पाणं / सुतवस्सिणो अ हीलइ, सम्मत्तं कोमलं तस्स ओसन्नस्स गिहिस्स व, जिणपवयणतिव्वभावियमइस्स / कीरइ जं अणवज्जं, दढसम्मत्तस्सऽवत्थासु पासत्थोसन्नकुसीलनीयसंसत्तजणमहाच्छंद / नाऊण तं सुविहिया, सव्वपयत्तेण वज्जंति बायालमेसणाओ, न रक्खई धाइसिज्जपिंडं च / आहारेइ अभिक्खं, विगईओं सन्निहिं खाई सूरप्पमाणभोजी, आहारेई अभिक्खमाहारं / / न य मंडलीइ भुंजइ, न य भिक्खं हिंडई अलसो कीवो न कुणइ लोअं, लज्जई पडिमाइ जल्लमवणेइ / सोवाहणो अ हिंडइ, बंधइ कडिपट्टयमकज्जे गाम देसं च कुलं, ममायए पीठफलगपडिबद्धो / घरसरणेसु पसज्जइ, विहरइ य सकिंचणो रिक्को नहदंतकेसरोमे, जमेइ उच्छोलधोअणो अजओ। वाहेइ य पलियंकं, अइरेगपमाणमत्थुरइ सोवइ य सव्वराई, नीस?मचेयणो नं वा झरई। न पमज्जंतो पविसइ, निसिहीयावस्सियं न करे / // 354 // // 355 // / / 356 // // 357 // // 358 // // 359 // 30