________________ // 360 // // 361 // // 362 // // 363 // // 364 // / / 365 // पाय पहे न पमज्जइ, जुगमायाए न सोहए इरियं / पुढवीदगअगणिमारुअवणस्सइतसेसु निरविक्खो सव्वं थोवं उवर्हि, न पैहए न य करेइ सज्झायं / सद्दकरो, झंझकरो, लहुओ गणभेयतत्तिल्लो खित्ताईयं भुंजइ, कालाईयं तहेव अविदिन्नं / गिण्हइ अणुइयसूरे, असणाई अहव उवगरणं ठवणकुले न ठवेई, पासत्थेहिं च संगयं कुणई / निच्चमवज्झाणरओ, न य पेहपमज्जणासीलो रीयइ य दवदवाए, मूढो परिभवइ तहय रायणिए / परपरिवायं गिण्हई, निठुरभासी विगहसीलो विज्जं मंतं जोगं, तेगिच्छं कुणइ भूइकम्मं च। . अक्खरनिमित्तजीवी आरंभपरिग्गहे रमइ कज्जेण विणा उग्गहमणुजाणावेइ दिवसओ सुअइ.। अज्जियलाभं भुंजइ, इत्थिनिसिज्जासु अभिरमइ उच्चारे पासवणे, खेले सिंघाणए अणाउत्तो। संथारग उवहीणं, पडिक्कमइ वा सपाउरणो न करेइ पहे जयणं, तलियाणं तह करेइ परिभोगं / चरइ अणुबद्धवासे, सपक्खपरंपक्खओमाणे . संजोअइ अइबहुअं, इंगाल सधूमगं अणट्ठाए / भुंजइ रूवबलट्ठा न धरेइ अ पायपुंछणयं अट्ठम छट्ठ चउत्थं, संवच्छर चाउमास पक्खेसु / न करेइ सायबहुलो, न य विहरइ मासकप्पेणं नीयं गिण्हइ पिंडं, एगागी अच्छए गिहत्थकहो / पावसुआणि अहिज्जइ, अहिगारो लोगगहणम्मि // 366 // // 367 // // 368 // // 369 // // 370 // // 371 // - 31