________________ धम्मं पि नाम नाऊण, कीस पुरिसा सहति पुरिसाणं? | सामित्ते साहीणे, को नाम करिज्ज दासत्तं? // 288 // संसारचारए चारए व्व आवीलियस्स बंधेहिं / उव्विग्गो जस्स मणो, सो किर आसन्नसिद्धिपहो // 289 // आसन्नकालभवसिद्धियस्स जीवस्स लक्खणं इणमो / विसयसुहेसु न रज्जइ, सव्वत्थामेसु उज्जमइ // 290 // हुज्ज व न व देहबलं, धिइमइसत्तेण जइ न उज्जमसि / अच्छिहिसि चिरं कालं, बलं च कालं च सोअंतो // 291 // लद्धिल्लियं च बोहिं, अकरितोऽणागयं च पत्तिो / अन्नं दाइं बोहिं, लब्भिसि कयरेण मुल्लेण? // 292 // संघयणकालबलदूसमारुयालंबणाई चित्तूणं / सव्वं चिय नियमधुरं, निरुज्जमाओ पमुच्चंति - // 293 // कालस्स य परिहाणी, संजमजोगाइं नत्थि खित्ताई। . जयणाइ वट्टियव्वं नहु जयणा भंजए अंगं // 294 // समिईकसायगारवइंदियमयबंभचेरगुत्तीसुः। सज्झायविणयतवसत्तिओ अ जयणा सुविहियाणं // 295 // जुगमित्तंतरदिट्ठी, पयं पयं चक्खुणा विसोहिंतो। अव्वक्खित्ताउत्तो, इरियासमिओ भुणी होई // 296 // कज्जे भासइ भासं, अणवज्जमकारणे न भासइ य। विगहविसुत्तियपरिवज्जिओ अ जइ भासणासमिओ बायालमेसणाओ, भोयणदोसे य पंच सोहेइ / सो एसणाइसमिओ, आजीवी अन्नहा होइ // 298 // पुव्विं चक्खु परिक्खिय, पमज्जिठं जो ठवेइ गिण्हइ वा / आयाणभंडनिक्खेवणाइ समिओ मुणी होइ // 299 // . 25 . परगुत्तासु. // 297 //