________________ अप्पेण वि कालेणं, केइ जहागहियसीलसामण्णा / साहंति निययकज्जं, पुंडरियमहारिसि व्व जहा // 252 // काऊण संकिलिलै सामण्णं दुल्लहं विसोहिपयं। . सुज्झिज्जा एगयरो, करिज्ज जइ उज्जमं पच्छा // 253 // उज्झिज्ज अंतरि च्चिय, खंडिय सबलादउ व्व हुज्ज खणं / ओसन्नो सुहलेहड न तरिज्ज़ व पच्छ उज्जमिउं . // 254 // अवि नाम चक्कवट्टी, चइज्ज सव्वं पि चक्कवट्टिसुहं / न य ओसनविहारी, दुहिओ ओसन्नयं चयई // 255 // नरयत्थो ससिराया, बहु भणई देहलालणासुहिओ। .. पडिओ मि भए भाउअ ! तो मे जाएह तं देहं // 256 // को तेण जीवरहिएण, संपयं जाइएण हुज्ज गुणो? / जइऽसि पुरा जायंतो, तो नरए नेव निवडतो // 257 // जावाऽऽउ सावसेसं, जाव य थोवो वि अस्थि ववसाओ। ताव करिज्जप्पहियं, मा ससिराया व सोइहिसि . // 258 // घित्तूण वि सामण्णं, संजमजोगेसु होइ जो सिढिलो। पडइ जई वयणिज्जे सोअइ अ गओ कुदेवत्तं // 259 // सुच्चा ते जिअलोए, जिणवयणं जे नरा न याणंति। . सुच्चाण वि ते सुच्चा, जे नाऊणं न वि करेंति // 260 // दावेऊण धणनिहि, तेसिं उप्पाडियाणि अच्छीणि / नाऊण वि जिणवयणं, जे इह विहलंति धम्मधणं // 261 // ठाणं उच्चुच्चयरं, मझं हीणं च हीणतरगं वा / जेण जहिं गंतव्वं, चिट्ठा वि से तारिसी होई - // 262 // जस्स गुरुम्मि परिभवो, साहूसु अणायरो खमा तुच्छा। धम्मे य अणहिलासो, अहिलासो दुग्गईए उ // 263 // 22