________________ वसहीसयणासणभत्तपाणभेसज्जवत्थपत्ताई। जइ वि न पज्जत्तधणो थोवा वि हु थोवयं देई // 240 // संवच्छरचाउम्मासिएसु अट्ठाहियासु अ तिहीसु। सव्वायरेण लग्गइ जिणवरपूयातवगुणेसु // 241 // साहूण चेइयाण य पडिणीयं तह अवण्णवायं च / जिणपवयणस्स अहिअं, सव्वत्थामेण वारेई // 242 // विरया पाणिवहाओ, विरया निच्चं च अलियवयणाओ। विरया चोरिकाओ, विरया परदारगमणाओ // 243 // विरया परिग्गहाओ अपरिमिआओ अणंततण्हाओ। बहुदोससंकुलाओ, नरयगइगमणपंथाओ // 244 // मुक्का दुज्जणमित्ती गहिया गुरुवयणसाहुपडिवत्ती। . मुक्को परपरिवाओ गहिओ जिणदेसिओ धम्मो // 245 // तवनियमसीलकलिया, सुसावगा जे हवंति इह सुगुणा। तेसिं न दुलहाई निव्वाणविमाणसुक्खाई // 246 // सीइज्ज कया वि गुरू, तं पि सुसीसा सुनिउणमहुरेहिं / मग्गे ठवंति पुणरवि, जह सेलगपंथगो नायं / // 247 // दस दस दिवसे दिवसे, धम्मे बोहेइ अहव अहिअयरे। इअ नंदिसेणसत्ती, तहविय से संजमविवत्ती // 248 // कलुसीकओ अ किट्टीकओ अ खयरीकओ मलिणिओ अ। कम्मेहिं एस जीवो, नाऊण वि मुज्झई जेणं // 249 // कम्मेहिं वज्जसारोवमेहिं जउनंदणो वि पडिबुद्धो। सुबहुं पि विंसूरंतो, न तरइ अप्पक्खमं काउं // 250 // वाससहस्सं पि जई, काऊणं संजमं सुविउलं पि। अंते किलिट्ठभावो, न विसुज्झइ कंडरीउ व्व // 251 // 21