________________ // 228 // // 229 // // 230 // // 231 // // 232 // // 233 // ओसन्नचरणकरणं, जइणो वंदंति कारणं पप्प / जे सुविइयपरमत्था, ते वंदंते निवारंति सुविहिय वंदावतो, नासेई अप्पयं तु सुपहाओ। दुविहपहविप्पमुक्को, कहमप्प न याणई मूढो वंदइ उभओ कालं पि चेइयाई थइथुई(थवत्थई)परमा। जिणवरपडिमाघरधूवपुष्फ़गंधच्चणुज्जुत्तो . सुविणिच्छियएगमई, धम्मम्मि अनन्नदेवओ अ पुणो। न य कुसमए स रज्जइ, पुव्वावरबाहियत्थेसु . दठूण कुलिंगीणं, तसथावरभूयमद्दणं विविहं। धम्माओ न चालिज्जइ, देवेहि सइंदएहिं पि वंदइ पडिपुच्छइ पज्जुवासई, साहुणो सययमेव / पढइ सुणइ गुणेइ अ, जणस्स धम्म परिकहेइ दढसीलव्वयनियमो, पोसहआवस्सएसु अक्खलिओ। महुमज्जमंसपंचविहबहुबीयफलेसु पडिक्कतो नाहम्मकम्मजीवी, पच्चक्खाणे अभिक्खमुज्जुत्तो। सव्वं परिमाणकडं, अवरज्झइ तं पि संकेतो निक्खमणनाणनिव्वाणजम्मभूमीउ वंदइ जिणाणं। न य वसइ साहुजणविरहियम्मि देसे बहुगुणे वि परतित्थियाण पणमण उब्भावण थुणण भत्तिरागं च / सक्कारं सम्माणं, दाणं विणयं च वज्जेइ पढमं जईण दाऊण, अप्पणा पणमिऊण पारेइ। . असई अ सुविहिआणं, भुंजई कयदिसालोओ साहूण कप्पणिज्जं, जं न वि दिन्नं कहिं पि किंचि तहिं। धीरा जहुत्तकारी, सुसावगा तं न भुंजंति // 234 // // 235 // // 236 // // 237 // // 238 // // 239 // 20