________________ // 64 // जो परधणेण सहणो जो परगंधेण मण्णइ सुगंधोहं / तं पुरिसं गयलज्जं हसंति वेरग्ग अमियधरा // 60 // जस्स य जस्स य जोगो तस्स तस्स य हवेइ हु विओगो। इय नाऊण विरत्ता विसयविसं दूरओ मुयह // 61 // अच्चेइ कालोय तरंति राइओ नया वि भोगा पुरिसाण निच्चा / उविच्च भोगा पुरिसं चयंति दुमं जहा खीणफलं व पक्खी // 62 / / पुत्ता चयंति मित्ता चयंति भज्जा वि णं सुयं चयइ / इक्को न चयइ धम्मो रम्मो सव्वन्नु उवइट्ठो // 63 // आहारासण निद्दा जयं च काऊण जिणवरमएणं / झाइज्झइ निय अप्पा उवइटुं जिणवरिंदेण अप्पकंपं विहायाथ दढं पज्जंकमासणं / नासग्ग दत्त सतित्तो किंचिदुम्मीली अक्खणो // 65 // संकप्प वाउराओ दुरुस्सारिय माणसो। . संसार छेयणुस्साहो संवेगं झाउमरिहइ . // 66 // संवेग अमलनीरेण कलिमलपंकेण पंकियं जीवं / पक्खालह थिर-चित्तो फलिहु व्व जहुज्जलो होइ // 67 // चंडासी विसघोरा पिसुणा छिदंच ते गवेसंति / मा रज्जसु रुस्सुवरिं सिणेह बंधंच मा रयसु // 68 // गुरुकम्मो सो जीवो जो वेरग्गाओ नट्ठओ फिरइ / अहवा सच्चुवहाणं सुणहा किं करइ कप्पूरं // 69 // आऊसयं खुअद्धं निद्दामोहेण ते गयं मित्त / अद्ध ज उवरिय तपि तिहायं च संजाये // 70 // बालत्तणम्मि किंचि वि किंचि वि तरुणत्तणम्मि थेरते / एमेव गयं जम्मं सुण्णारण्णे तडागु व्व // 71 // 23