________________ वेरग्गकरो सन्नाणकारओ पावकम्मखयकारी। इहलोगे वि गुणकरो जवसाहुस्सेव सज्झाओ . // 19 // थेवो वि कओ नियमो महाफलो होइ निच्छियमणाण / : दामन-बंभणी-चंडचूड-गिरि-रायहंस व्व // 20 // खमगा य चंडरुद्दो मिगावई तह पसन्नचंदो य / सम्म मिच्छाउक्कडदाणफले हुंति आहरणा // 21 // . विणएण कज्जसिद्धी सिझंति सुरा वि विणयकरणेण / जह चित्तपिओ जक्खो जहेव वणवासिणो जक्खा // 22 // मोक्खसुहबीयभूयं सत्तीए पवयणुनई कुज्जा / विण्हुमुणि-वइर-सिरिसिद्ध-मल्ल-समिय-ऽज्जखउड व्व // 23 // सयणे धणे असारे मोहं मोत्तूणं कुणइ जिणधर्म / जं परभवाणुगामी सो च्चिय जोहारमित्तो व्व // 24 // लधु केइ नरत्तं सग्गसुहं नरसुहं व अजिंति / हारिंति केइ तं पि हु इह नायं वणियपुत्तेहिं . // 25 // . उत्तमजणसंसग्गी परमगुणाणं निबंधणं होइ / एत्थ पहाकर-वरसुय-कंबलसबला उदाहरणं // 26 // वीससियव्वं न य इंदिएसु तव-नियमसुट्ठिएहि पि / जह उवकोसगिहगओ महातवस्सी वि संखुहिओ // 27 // जो होइ इंदियवसो सुहमप्पं तस्स दुक्खमइबहुयं / भद्दा-माहुर-निवसुय-नराय-सुकुमालियाणं व // 28 // जुवईसु न वीसासो कायव्वो पयइकुडिलहिययासु / . नेउरवंडिय-दत्तयदुहिया-भावट्टियासुं व // 29 // संसारखुड्डिजणगा राग-द्दोसा तहा कसाया य। . तवसंजमहाणिकरा इह चेव इमे अणत्थफला . // 30 // 280.