________________ पासित्तु रूवं रमणीण रम्मं, मणम्मि कुज्जा न कया वि पिम्मं / पईवमझे पडई पयंगो, रूवाणुरत्तो हवई अणंगो // 48 // जलम्मि मीणो रसणारसेणं, विमोहिउ न गहिउ भएणं / पावाउ पावेइ स तालुवेहं, रसाणुराउ इय दुक्खगेहं // 49 // गइंदकुंभत्थलगंधलुद्धो, इंदिदिरो घाणरसेण गिद्धो। हहा मुहा मच्चुमुहं उवेई, को गंधगिद्धिं हियए वहेई // 50 // : फासिदियं जो न हु निग्गहेई, सो बंधणं मुद्धमई लहेई / दप्पुद्धरंगो जह सो करिंदो, खिवेइ अप्पं वसणम्मि मंदो // 51 // इक्को वि इक्को विसउ उदिनो, दुक्खं असंखं दलई पवन्नो / जे सव्वहा पंचसु तेसु लुद्धा, मुद्धाण तेसि सुगई निसिद्धा // 52 // अईव दुट्ठा विसया विसाउ पच्छा भवे जेहि महाविसाउ। जे हि पया हुंति परव्वसाउ, न सेवणिज्जा खलु ते रसाउ // 53 // ' तित्थंकराणं निउणा पमाणं कुणंति जे उज्झिय चित्तमाणं / सव्वं पि तेसिं किरियाविहाणं, संजायई दुक्खसहस्सताणं // 54 // अच्चंतपावोदयसंभवाउ, जे भीरुणो भव्वगणा भवाउ। तेसिं सुहाणं सुलहो उवाउ, नो संभविज्जा भवसन्निवाउ // 55 // धणं च धनं रयणं सुवन्नं, तारुण्णरूवाइ जमित्थ अन्नं / विज्जु व्व सव्वं चवलं खु एयं, धरेह भव्वा हियए विवेयं // 56 // पुत्ता कलत्ताणि य बंधुमित्ता, कुटुंबिणो चेव इहेगचित्ता / आउक्खए पाववसा समेए, न रक्खणत्थं पभवंति एए // 57 // जेसि मणे पावमई निविट्ठा, निव्वाहवित्ती पुण संकिलिट्ठा। . कया वि ते हुंति न हिट्ठतुट्ठा, सव्वत्थ पावंति दुहाइ दुट्ठा // 58 // वन्नं वयंता जिणचेइयाणं, संघस्स धम्मायरियाइयाणं। . कुणंति भव्वा सुलहं सुबोहिं अवनवाएण पुणो अबोहिं // 59 // 204