________________ हयगयरहलक्खेहि वि रयणनिहाणेहिं भवउ सह धरणं / बल-केसव-चक्कीणं तह वि न जमहरणओ सरणं // 83 // जो तिहुयणसंहरणं कुणइ हरी तस्सऽहो पुणो मरणं / इय नाऊण असरणं वसुदत्तो गिण्हए चरणं // 84 // लोहाइधम्मधरणं भवउ तहा विविहदेवतासरणं / बहुविहमोसहकरणं तह वि हु मरणे न को सरणं // 85 // गिण्हइ जमो नियरणं कुणइ कुडंब गिहाउ नीहरणं / सुरअसुरहरिनराणं जया तया नत्थि को सरणं // 86 // आया सया वच्चइ जीव एगो जाओ मओ जत्थ वि तत्थ एगो / सयंकडं भुंजइ एस एगो चिच्चा य सव्वं दुहमेइ एगो // 87 // जीव ! तुमं जइ एगो कुणसि ममत्तं तु तुज्झ अविवेगो / जो होइ इह च्छेगो एगत्ते तस्स सुविवेगो // 88 // नो रज्जं नो राया नो माता नो पिया य तुज्झ धणं / नो मित्ता नो पुत्ता न कलत्तं नैव भवणं च // 89 // न कुलं न बलं न दलं न य लोगो परियणो य पुढवितलं / जह महुराया एगो सव्वं मुत्तुं गओ नरयं // 90 // चउगइचवलावत्ते दुहवडवानलपवंचसंतत्ते / निच्चवराया जीवा भमंति भवसायरे भीमे // 91 // खिणु दिज्जइ भवतंडवविओगु, जहिं दीसइ बहु नच्चणपओगु / इगगेहे विलवइ रुयइ लोगु, किह दीसइ वीरवीवाहजोगु // 92 // अणचिंतिय कत्थ वि पडइ सोगु इग हसिय हसिय भुंजइ सुभोगु / कस्सइ तणु गिण्हइ विविहरोगु, इग विलवइ मम हा पिउविओगु 93 अणुहवइ दुहं तिरिनिरयलोगु, मणुओ एग पहु इंग आभिओगु / देवाण वि हरिणो तह निओगु, इग छुल्लइ नत्थिं हु अवरलोगु 94 256