________________ // 4 // ___ पू.आ.श्रीधनेश्वरसूरिविरचिता ॥चारित्रमनोरथमाला // केसिंचि सउन्नाणं, संवेगरसायणं पवण्णाणं / उत्तमगुणाणुराया, सत्ताणं फुरइ इय चित्ते // 1 // कइया संविग्गाणं, गीयत्थाणं गुरूण पयमूले। सयणाइसंगरहिओ, पव्वज्जं संपवज्जिस्सं ? // 2 // सावज्जजोगवज्जण-पउणो अणवज्जसंजमुज्जुत्तो / गामागराइएसुं, अप्पडिबद्धो य विहरिस्सं ? " // 3 // अणवरयमविस्सामं, कइया नियभावणासुपरिसुद्धं / दुद्धरपंचमहव्वय-पव्वयभारं धरिस्सामि ? कइया आमरणंतं, धण्णमुणिनिसेवियं च सेविस्सं / निस्सेसदोसनासं, गुरुकुलवासं गुणावासं ? कइया सारणवारण-चोयणपडिचोयणाई सम्ममहं / कम्मि वि पमायखलिए, साहूहिँ कयं सहिस्सामि ? // 6 // अतुरियमचवलमसंभम-वक्खेवविवज्जिओ कया मग्गे। जुगमित्तनिहियदिट्ठी, पुरओ ईरियं विसोहिस्सं ? मियमहुरं अणवज्जं, कइया कज्जे वयं वइस्सामि ? / सोहिस्सामि य कइया, बायालीसेसणादोसे ? // 8 // पडिलेहिय सुपमज्जिय, उवगरणायाणमोयणे कइया / सुनिरिक्खिय सुपमज्जिय, थंडिलखेलाइपरिटुवणं ? // 9 // मणवयकायाण कया, कुसलाण पवत्तणेण इयराण। . सम्मं नियत्तणेणं, तिगुत्तिगुत्तो भविस्सामि ? // 10 // विच्छिन्नविसयवंछो, देहविभूसाइवन्जिओ कइआ। परिजुण्णमय(इ)लवत्थो, सामण्णगुणे धरिस्सामि ? - // 11 // 242 // 7 //