________________ अह कमपत्तं सिरिणाणदाणमाहप्पयं णिसामेह / जह गरुयकम्मणियरं हणिय लहुं सिवसिरि लहह // 96 // जं सीसाणं सुकुलुब्भवाण विणयाइगुणसमिद्धाण / कारइ सुयअज्झयणं साहिज्जइ णाणदाणं तं // 97 // अपमाइ गुरु सयासे सीसो वि हु णिच्चमुज्झमेण जुओ / पढिय सुयं भवजलहिं तरेइ समए जओ कहियं // 98 // णिच्वं गुरु पमाई सीसा य गुरु ण सीसगा तहय / अपमाइ गुरु सीसा पमाइणो दोवि अपमाई // 99 // अप्पढ्या य गोणी णेव य दोढा समुज्जओ दोढुं / खीरस्स कओ पसवो जइ वि हु बहुखीर आसाय // 100 // बीए वि णत्थि खीरं थोपि हविज्जए य तइए वि / अत्थि चउत्थे खीरं, एसुवमा आयरियसीसो // 101 // णाणी मुणेइ णाणं गाणं गुणेइ णाणेण कुणइ. किच्चाई / भवसंसारसमुदं, णाणी णाणेण उत्तरइ . // 102 // णाणज्झयणपराणं, साहूणं असणपाणवसणाई। .. जो वियरइ जिणसासण-अव्वुछित्ती कया तेण // 103 // सिद्धंतपुत्थयाणं लेहिय पढणाय देइ समणाणं / जो तेण सयलभवणे, धम्मपवा वाहिया णूणं // 104 // जह केसिणा विइण्णं, परसिरायस्स णाणदाणमिणं / तह जाणियजिणवयणा, सुयदाणपरा सया होह // 105 // एवं पंचविगप्पं दाणं भावेण जो पयच्छेइ / सो पाउणेइ णरसुरसुहाई अणुहविय सिद्धिपयं // 106 // इइ संघतिलयगणहरसीसेण दिवायरेण रइएयं / दाणोवएसमाला, कण्ठगया कं ण भूसेइ // 107 // 241