________________ विगलियवयाण सरणागयाण पत्थणपराण पंगूणं / काउरिसाण दुहीणं रोगेहिं गहियदेहाणं / // 84 // एएसि जं दाणं सकणहियऊ पयच्छए दाया / तं अणुकंपादाणं परूवियं पुव्वसूरीहिं // 85 // जयउ जए मेहरहो इन्देण वि वणणीयचरिउ सो / जस्सणुकंपादाणे रणरणए दुन्दुहीरावो // 86 // तत्तो भणिमो सिरिअभयदाणमइसयसयाणं तं / सयलाण वि दाणाणं चक्कित्तं जस्स जयपयडं // 87 // पुढविजलअगणिमारुरुयवणस्सइतसपमुहजीवसमवाए / ... अप्पाणं पि व रक्खह जइ इच्छह सिवसिरीसंगं // 88 // जं दीहतरं आउं कंदप्पमडप्पखंडणं रूवं / भुवणजणणयणमाणसविम्हयसयकारिया रिद्धी // 89 // घणसारसारसारयससहरकरणियरसुन्दरं च जसं / संपज्जइ पाणीणं तं जाणह अभयदाणफलं // 90 // देवेसु सुरवरिन्दो करीसु एरावणो उडूसु ससी / जह लोएसु य राया तह दाणेसुं अभयदाणं // 91 // इक्कंपि हु जो जीवं णिहणवि पाणी समज्जए पावं / तो सो बहुदाणेण वि ण छुट्टए जं सुए भणियं // 92 // मेरुगिरिकणयदाणं धणाणं देइ कोडिरासीओ / इक्कं वहेइ जीवं, ण छुट्टए तेण दाणेण // 93 // तवउ तवं पढउ सुयं, जवउ जवं चेव चरणमायरउ / . जइ जीवेसु न करुणा सयले वि हु अहलयं तस्स // 94 // पाणिवहपाणिपालणपराण चरियाणि असुहसुहयाणि / सिरिमाणभंग-सिरिअभयसिंहरायाण णिसुणेह . // 95 // 240