________________ // 72 // // 73 // // 74 // // 75 / / // 76 // तदुवज्जियसुकएणं वाणरजूहाहिवेण संपत्तो / सहसारकप्पवासो जं तेणं तं किमच्छरियं / संकडसंपडियाण वि जेसिं उपज्जई मई दाणे / ससहरसरिसजसाणं ताण णमो दाणवंताणं जे परघरपेसत्तं गया सया धणकणेण रहियावि / भुंजंति संविभत्तं ताण णमो दाणवीराणं विष्फुरइ जसं तेसिं गिहंगणे उल्लसंति रिद्धीओ / जायइ सिवसुक्खं चिय जे पत्ते विहियवरदाणा सिरिअमरसेणवरसेणयाण अच्छरियकारिचरियाण / सुविहियदाणा लडहो झणहणइ जए विजयपडहो अह समुचियदाणमिणं जसवल्लीकंदकंदलणकंदं / भुवणच्छेरयकरणं भणिज्जमाणं सुणिज्ज बुहा वेसेसिय-णेयाइय-मीमंसय-संख-भिक्खुपमुहेसु / तियसट्ठिसहियतियसयकिरियाकिरियाइवाईसु. अतिहीसुं माहणेसुं, मागहगंधव्वनडभडेसुं च / सहियसुयासणिणंदणजमूसवपमुहकज्जेसु कित्तिणिमित्तं दाया, जं दव्वं वावरेइ एएसु / णाणधणा मुणिवइणो तमुचियदाणं समाहिंसु सारयससहरसोयरजसभरघणसारवासियदियंतों / इह उचियदाणदाया सिरिकण्णणरेसरु व्व हवे इत्तो तं अणुकंपादाणं वुच्छं अतुच्छवच्छलयं / तं पिच्छिऊण सच्छा सययं हियए चमकंति दीणाणमणाहाणं विहीणचरणाण णयणरहियाणं / बंदिपडियाण बंधणबद्धाणमजंगमाणं च // 77 // ' // 78 // // 79 // // 80 // // 81 // // 82 // // 83 // 239