________________ रोमंचंचियगत्तो असणं पाणं च आसणं वसणं / वसही तह संथारं सुस्सूसा वंदणं तुट्ठी // 36 // इइ णवविहदाणाओ पुण्णं अज्जेइ जो महासत्तो / कमला चवलावि सया तस्स घरे सासय वसइ // 37 // उग्गमउप्पायणएसणाई सगयालदोसपरिसुद्धं / सिद्धंतभणियविहिणा उभयहियं तं भवे असणं // 38 // एवंविहं सुपत्ते णिवेसए जो स दाणवंतेसु / पढमरेहं लहए लोए धणसेणसिट्ठि व्व - // 39 // जिणवरआगमभणियं बहिरन्तरमलविसोहिसंजणयं / सत्तविहपाणएसणदूसणरहियं सिया पाणं // 40 // मग्गपरिस्संताणं तण्हातरलाण देइ समणाणं / जो पाणं सो पावइ पुलिंदमिहुणु व्व सुहमसमं // 41 // सट्ठाणिम्मियममलं जीवुवघायाइदूसणविमुक्कं / अज्झुसिरमकंपमाणं वियरिज्जा आसणं जइणो // 42 // सिरिथूलभद्दमुणिवरसमागमे आसणस्स दाणाओ। आबालकाललालियसुरुद्ददारिदमुद्दावि // 43 // धणवंताणं मज्झे सण्णाइपिया सिरोमणी जाया / जं महियलम्मि तं खलु अहो अहो दाणमाहप्पं // 44 // साहणिमित्तं कीयं पामिच्चं अभिहडं तहा वुणियं / अण्णेसिं परिगहियं एरिसदोसेहिं परिचत्तं // 45 // सिसिरकरकिरणधवलं णियपरिभोगेण अमलियमखंडं। . माणसजलसुद्धमणो वत्थं पत्तेसु वियरिज्ज // 46 // स जयउ जए मयंको चउविहसंघस्स वच्छदाणाओ। .. जसजयढक्का अज्जवि अणवज्जा वज्जए जस्स . // 47 // 236