________________ // 27 // सोमाकारं सव्वंगसुंदरं जणियजणमणाणंदं / कल्लाणवल्लिपल्लवपल्लवणघणाघणारंभं . // 24 // मंदरगिरिमिव धीरं ससहरमिव सोमलेसया सहियं / सायरमिव गंभीरं दिणयरमिव दित्ततेइल्लं विहियमई तवचरणे बहिरंतरभयबारसविहम्मि / उवएसदाणपगुणं सरणं भवभीयजंतूणं // 26 // एरिसगुणोववेयं सुपसिद्धं सिद्धिरमणिकयबुद्धिं / सिरिवइरसामिसरिसं पत्तं साहति जिणवसहा अभिगमणमंसणेणं वंदणसक्कारपूयणेणं च / जे अणुवयंति मुणिणो ते सिवसुक्खाइं पावंति // 28 // इइ तिविहभेयजुत्तं, दाणं चिंतामणि व्व अइदुल्लहं / तह आराहह सम्मं, भविया जह मूलदेवेणं // 29 // णीरोगा गयसोगा पामियभोगा पण?रिउवग्गा / रूवपराजियमयणा, हवन्ति भुवणम्मि कयदाणा // 30 // गयमाणा दीणमणा, परिहीणधप्पा सया पराहीणा। गुणगणरहिया दुहिया, अदिणदाणजणा हुंति // 31 // विसमभुयंगम-हरि-कंरि-मारि-जरा-समर-वेरि-दरणियरा / णासंति दूरओ खलु सुपत्तदाणाणुभावाओ // 32 // जलणिहितरंगतरलं, णलिणीदलगयजलं व्व अइचवलं / विहवं जाणिय दिज्जह दाणं. भावेण भो भव्वा ! सव्वे वि दाणसूरा विहवे संते हवंति भुवणम्मि / वित्तरहियावि दाणं जे दिति त एव दाणपरा // 34 // धण्णा चंदणबाला सा जयउ जिणस्स वद्धमाणस्स / पूरियमभिग्गहमिणं जीए कुम्मासदाणेण // 35 // 235