________________ जम्हा जिण-गणहर-चक्कवट्टि-बलदेव-वासुदेवाण / केवलि-मणोहि-पत्तेयबुद्ध-जिणकप्पियाईणं // 141 // चरियं एत्थ कहिज्जइ, तमणिट्ठ-विघाइ चिंतिय-सुहं च / चिंतामणि व्व इहइं परलोए मोक्ख-सुह-जणणं // 142 // तम्हा दुरिय-विघाइं इह परलोगे य जं च कल्लाणं / इच्छंतो सुण इमं वाएसु य स(भ)व्व-सत्ताणं // 143 // वाएंतो निसुणेतो भणियाणुट्ठाणगम्मि वढ्तो / सिज्झइ तइयम्मि भवे अहवा सत्त-द्रुमाईसु // 144 // जाव इ(य) दीव-समुद्दा कुलगिरिणो चंद-सूर दिवि देवा / ता पसरउ अक्खलियं मणोहरं नेमि-चरियं व // 145 // संवच्छराण नवहि सएहिं पण्णरस-वास-अहिएहिं। भद्दवय-सुद्धपंचमि-बुहवारे साइ-रिक्खम्मि // 146 // सिरिभोजदेव-रज्जे पवट्टमाणम्मि जण-मणाणंदे / नागउर-जिणायतणे समाणियं विवरणं एयं // 147 // विवरण-करणा कुसलं जं किंचि समज्जियं मए तेण / भव्वा लहंतु मोक्खं कय(इ)णा सह सासयं सोक्खं // 148 // इय जय-पयड-कण्हमुणि-सीस-जयसिंहसूरिणा रइयं / धम्मोवएसमाला-विवरणमिह विमल-गुण-कलियं // 149 // 26