________________ अव्वोच्छित्ति-निमित्तं नाण-गणाणं करेज्ज वर-सीसे / जह सिज्जभवभट्टो पभवायरिएण संगहिओ // 60 // दव्वाडवी य भावाडवी य दव्वाडवीए दिटुंतो / धणनाम-सत्थवाहो इयरीए होइ तित्थयरो // 61 // एक्कण वि मुणि-वयणेण केई बुझंति इंदनागो व्व / अन्ने पुण बहुएहिं वि न बंभदत्तो व्व नरनाहो // 62 // जावय-मत्तं भणिओ तावय-मत्तं च कुणइ जो पुरिसो / अणवेक्खिऊण सेसं गामेय-समो न सो जुग्गो // 63 // कय-पावो वि मणूसो मरणे संपत्त-जिण-नमोक्कारो / खविऊण पावकम्मं होइ सुरो मिठपुरिसो व्व // 64 // अनिरूविऊण सम्म जो कायव्वेसु वट्टए पुरिसो। सो उदयणो व्व बज्झइ कारिम-हत्थि-ट्ठिय-नरेहिं // 65 // पर-तित्थिय-मज्झ-गओ साहू नाऊण अप्पणो निदं / पर-लिंगं चिय गिण्हइ बोडिय-मज्झ ट्ठिय-मुणि व्व // 66 // इह लोगम्मि वि बंधं लहंति परदारिणो न संदेहो / जह पज्जोओ बद्धो इत्थी-लोभाउ अभएण // 67 // निय-सत्ति पयडिज्जसु सुंदरमियरं व संघ-गुरु-कज्जे / विण्हुकुमारो व्व मुणी न दोस-वत्तव्वयमुवेइ // 68 // निच्छंति कह वि किरियं मुणिणो रोगाउरां वि थिर-चि(स)त्ता / नाणाविह-वाहिल्लो सणंकुमारु व्व मुणि-सीहो // 69 // गुण-दोस-विसेसण्णू असरिस-गुण-दंसणाओ बुझंति / जह य दियंबरसड्ढो बुद्धो दट्टण मुणि-चढें // 70 // अच्छउ ता परलोगो जीविय-रित्थावहो नमोक्कारो / . इह लोगम्मि वि दिवो दिटुंतो सावयसुएण // 71 // 225