________________ दुइय-पयं सेविज्जसु दव्वाइ-चउक्कयं समासज्ज / जह संघ-साहु-सावय-वयणाओ अज्ज-वयरेण // 36 // जाणतो वि तमत्थं भत्तीए सुणेज्ज गुरु-समीवम्मि / गणहारि-गोयमो विव समत्थ-सुयनाण-जलरासी // 37 // सुपुरिस-चेलू दटुं बुझते नूण कूर-कम्मा वि। मुणि-जंबु-दसणाओ चिलाय-पभवा जहा बुद्धा // 38 // भोगे अभुंजिऊणं नरगं वच्चंति मूढ किवणु व्व।। भोत्तूण जंति सिद्धिं धुय-कम्मा के वि भरहो व्व // 39 // हियय-गयं सब्भावं गिहिज्जा तयणुरूव-चिट्ठाहिं / जह गिण्हइ चाणक्को वणियाणं नच्चमाणाणं // 40 // कोहानल-पज्जलिया गुरुणो वयणं असद्दहंता य(उ)। हिंडंति भवे माहिल-जमालिणो रोहगुत्तो य // 41 // विण्णाणस्स लवेण वि अवमण्णइ सुरगुरुं पि हय-मुक्खो / परिवाय-पोट्टसालो दिटुंतो दिट्ठ-माहप्पो .. . // 42 // नाणीण चरण-हेउं अण्णाणि-विचिट्ठियं किमच्छेरं ? / जह नाइलस्स जायं मित्तस्स वियंभियं पावं // 43 // तित्थयर-वंदणत्थं चलिओ भावेण पावए सग्गं / जह ददुरदेवेणं पत्तं वेमाणिय-सुरत्तं देहाणुरूव-वीरियं खेत्ताइसु भावओ निसेवेज्जा / जंघाबल-परिहीणा निदरिसणं संगमायरिया // 45 // छल-संगहियं दव्वं न ठाइ गेहम्मि थेव-कालं पि / आहीरि-वंचएणं दिटुंतो एत्थ वणिएणं // 46 // जायइ विसं पि अमयं सत्तुसु वि पुण्णभायण-नरस्स / जह खीरीहूयाओ दाढाओ सुभूम-चक्किस्स 223 // 44 // // 47 //