________________ अणुकंपा-किरियाए जइणो वच्चंति देवलोगेसु / जह विज्जाईण सुया वेयरणी वानरो जह य // 24 // भाविय-जिण-वयणा वि य दूसमकालम्मि जंति मेच्छत्तं / / जह अज्जऽऽसाढसूरी विबोहिओ चेल्ल-सुरेण // 25 // सिज्जंस-चंदणज्जा-कयउन्नय-सालिभद्द-नामाणो / . महरिसि-दाणाहरणा निदिट्ठा पुव्व-सूरीहि // 26 // इह लोगम्मि वि सिज्झइ मणोरहो साहु-भत्ति-दाणेणं / करि-देवदत्त-रज्जं जह पत्तं मूलदेवेणं - // 27 // रागाइ-विरहिएहिं गुणवंतो गुरु-पयम्मि कायव्वो। ... जह अज्जरक्खिएहिं एवं चिय सेस-सूरीहिं // 28 // भत्ति-विणयाइएहिं देवा वि वसम्मि होंति किं चोज्जं ? / जह जक्खो तोसविओ चित्तगर-सुएण साकेए // 29 // पर-रिद्धि-दसणाओ तुच्छं निय-संपयं निएऊण / बुज्झंति केइ पुरिसा. दसण्णभद्दों व्व कय-पुण्णा . // 30 // इंगिय-चिट्ठाईहि य गुरुणो चित्तं हरंति मुणियत्था / वेसा-भट्टिणि-सचिवा दिटुंता दिट्ठ-माहप्पा // 31 // धम्मट्ठिया सुदूरं पुरिसत्थीओ थुवंति देवा वि / / जह नंदिसेणसाहू सुलसा जह नाग-भज्जा य // 32 // जंमंतर-कय-पुण्णा निमित्त-मत्तेण के वि बुझंति / करकंडुमाइणो जह संबुद्धा वसहमाईहिं // 33 // दीहर-संसार-फलो सनियाण-तवो जहा य बारसमे / . चक्किम्मि तहा पढमे नवमम्मि य वासुदेवम्मि // 34 // कम्म-वसेणं मुणिणो जइ कह वि मुयंति निययं-मज्जायं / पुणरवि धरैति ते च्चिय निदरिसणं नंदिसेणेण // 35 // 222