________________ सीलपभावपभाविय-सुदंसणं तं सुदंसणं सड्ढं। कविलानिवदेवीहिं, अखोहियं नमह निच्चं पि . // 45 // जो अन्नायरओ वि हु, निवभज्जापत्थिओ वि न विखुद्धो। ... सीलनियमाणुकूलो, स वंकचूलो गिही जयउ // 46 // अक्खलियसीलविमला, महिला धवलेइ तिन्नि वि कुलाइं। इह परलोएसु तहा, जसमसमसुहं च पावेइ __ // 47 // जा नियकंतं मुत्तुं सुवणे वि न ईहए नरं अन्नं / आबालबंभयारी य, सा रिसीणं पि थवणिज्जा // 48 // परपुरिससेवणीओ, कुलरमणीओ हवंति जइ लोए / ता वेसादासीणं, पढमा रेहा कुलवहूसु // 49 // तुच्छा वि रमणिजाई, पसंसणिज्जा सुरासुरनराणं / विहिया महासईहिं, काहिं वि अइविमलसीलाहिं // 50 // नियसीलमहामंतेण, पबलजलणं जलं कुणंतीए / सीलग्घोसणपडहो, अज्ज वि झणहणइ सीयाए // 51 // चालणिधरियजलाए, संघमुहुग्घाडणं कुणंतीए। . चंपादारुग्घाडण-मिसेण नंदउ सुभद्दा सा / // 52 // नियसीलरक्खणत्थं तणं, व रज्जं च परिहरंतीए। सयलसईणं मज्झे इह रेहा मयणरेहाए // 53 // नंदउ सीलानंदिय-जणविंदा सुंदरी महाभागा / अंजणसुंदरिनम्मया-सुंदरिरइसुंदरीओ य // 54 // रिसिदत्ता दवदंती, कमला य कलावई विमलसीला / नामग्गहणजलेण वि, कलिमलपक्खालणं कुणह // 55 // सीलवइनंदयंती-मणोरमारोहिणीपमुहाओ। रिसिणो वि सया कालं, महासईणं थुणंति गुणे * // 56 // 214