________________ एयं च वयसरीरं, लालिज्जइ जाहिं सुठु अणवरयं / अट्ठप्पवयणंमायाउ, ताउ लेसेण सीसंति // 464 // इरिया-भासा-एसण-आयाणु-स्सग्ग नामधेयाओ। समिईओ पंच मण-वयण-कायगुत्तित्तयं ताओ // 465 // इरियासमियाण भवे, परिमलिय-पहम्मि-मिहर-कर पुढे / अणवज्ज कज्ज-मासज्ज, गमणमेगग्गमणनयणं // 466 // नणु कहमुवउत्ताणं वि, च्छउमत्थमुणीण सुहमजियरक्खा ? / सच्चं तह वि न वहगा, उवओगपरा जओ भणियं // 467 // उच्चालियम्मि चरणे, इरियासमियस्स संकमट्ठाए। वावज्जेज्ज कुलिंगी, मरिज्ज तं जोगमासज्ज // 468 // न य तस्स तन्निमित्तो, बंधो सुहुमो वि देसिओ समए। अणवज्जो उवओगेण, सव्वभावेण सो जम्हा // 469 // भय-हास-कोह-लोहेहि, विरहियं निउणबुद्धिसंठवियं / सियवायमणुपविटुं, भासं भासंति तस्समिया कुणमाणो धम्मकहं, सुहमेसु वि समयसारवत्थुसु / भासासमिओ सम्मं, न छलिज्जइ वितहवाएण // 471 // वरमन्नाणी वि मुणी, कट्ठाणुट्ठाणविरहिओ वा वि। नाण-किरियारओ वि हु, अजहत्थ-परूवगो नवरं // 472 // नाण-किरियासु सिढिला, अप्पाणं चिय भवम्मि पाडंति। वितहापरूवगा पुण, अणंतसत्ते भमाडिति // 473 // तम्हा जहसत्तीए, जइज्ज तव-चरण-करण-जोगेसु / अजहत्थभासणं पुण, चइज्ज जत्तेण जं भणियं // 474 // "उस्सुत्तभासगाणं, बोहीनासो अणंतसंसारो / पाणच्चाए वि धीरा, तम्हा न वयंति उस्सुत्तं" // 475 // .. . 205 // 470 //