________________ // 248 // // 249 // // 250 // // 251 // // 252 // // 253 / / सो दव्वुवयारो, जिणाण संखेवओ समक्खाओ। इहिं भावुवयारं पि, किं पि लेसेण साहेमि पडिवज्जिऊण तिविहं, तिविहेण जिणुत्तमा विरइमग्गं / तिव्व-तव-तवियतणुणो, दुग्गुवसग्गे अहिसहित्ता सुक्कज्झाणानलसंपलित्त-घणघाइकम्मवणगहणा / अप्पडिहयमप्पडिमं, केवलनाणं समणुप्पत्ता सुररइयकणयमयकमल-कन्नियासन्निवेसियपयग्गा / सिरधरियधवलछत्तत्तय-पयडियतिहुयणपहुत्ता सुरवइकरकमलपणुल्ल-ससिकरायारचामरुप्पीला / दिप्पंतपुरस्सरधम्म-चक्कसप्पंतइंदज्झया नियतेयतिणीकयचंड-भाणुभामंडलाणुगयदेहा। . रयणमयपायवीढो-ववेयसीहासणसमेया संभमचलिरचउब्विह-देवनिकाएहिं कोडिसंखेहिं / सेविजंता ठाणे ठाणे, निम्मियसमोसरणा . अट्ठप्पयारवरपाडिहेर-पुउच्छवं पडिच्छंत्ता / विहरंति तित्थनाहा, नगरागरमंडियं वसुहं पणतीसवयणगुणसंगयाइ, साहारणाइ सत्ताणं / जोअणपसप्पिणीए, वाणीइ कुणंति धम्मकहं बोर्हिति भव्वसत्ते, मिच्छत्ततमंधयारमवणिति / जणयंति भवविरागं, निव्वाणपहं पयासंति संसारचारयगयं, भवियजणं उद्धरंति करुणाए / एसो भावुवयारो, भुवणम्मि जिणिदचंदाणं एवं दुविहो वि इमो, उवयारो जइ जिणेहिं सयमेव / आइनो कहमने, इमम्मि सज्जंति न सयन्ना // 254 // // 255 // // 256 // // 257 // // 258 // // 259 // 180