________________ कह पुण इमो मुणिज्जइ ?, गुरुवएसेण तं वि कह दिति ? | विणएण सेवणिज्जो, तम्हा एयात्थिणा विणओ . // 212 // जम्हा विणयइ कम्मं, अट्ठविहं चाउरंतमुक्खाय / तम्हा उ वयंति विऊ, विणउत्ति विलीणसंसारा // 213 // लोइय-लोउत्तरभेयओ, दुहा तत्थ लोइओ विणओ। लोओवयार-भय-अत्थ-कामरूवेहिं चउभेओ // 214 // . तदुचियअब्भुट्ठाणं, अंजलिबंधो य आसणपयाणं / देवा-तिहीण पूया, इय एसो लोइओ विप्राओ // 215 // चोराभिमराईसु, अंजलिबंधाइओ उ भयविणओ। अत्थविणओ य पत्थिव-पभिइसु पडिवत्ति करणं जं // 216 // कामविणओ य कामिणि-जणम्मि कामीण चाडुपभिइओ। एसो लोइयविणओ, चउप्पयारो समक्खाओ // 217 // लोउत्तरविणओ पुण, पंचविगप्पो समासओ ताव / नाणम्मि दंसणम्मि, चरणम्मि तवम्मि उवयारे // 218 // सो होइ नाणविणओ, जं सम्मं नाणपुब्विया किरिया / दंसणविणओ पुण, जिणवरुत्ततत्ताण सद्दहणं // 219 // चरणे तवम्मि य इमो, विणओ तेसिं जहुत्तकरणं जं।' उवयारिओ उ विणओ, आयरियाईसु इय नेओ // 220 // मण-वय-कायजोगेसु, पसत्थे तेसु धरइ निच्चं पि। आसायणं च सम्मं, वज्जंतो वहइ बहुमाणं // 221 // इय लोउत्तरविणओ, भणिओ भे ! पंचहा समयसारो / एयम्मि चेव सासय-सिवसुहकंखीण अहिगारो // 222 / / पडिवक्खविउडणेणं, घडिज्ज मुक्खाय विणयपडिवत्ती। ... ता माण-मलणपुव्वं, वड्ढह विणए जओ भणियं . // 223 // 184